रायपुर। सावन महीने से पहले ही छत्तीसगढ़ कम वर्षा के संकट के उबर गया है. बीते 10 दिनों के दौरान प्रदेश में 117 मिलीलीटर बारिश दर्ज की गई है. पूरे प्रदेश में सामान्य से 15% कम बारिश है. केवल सरगुजा और जशपुर जिले में 60 प्रतिशत से कम बारिश हुई है.

लगातार बारिश की वजह से प्रदेश के अन्य स्थानों पर नदी-नाले उफान पर है, जिसकी वजह से गांवों का संपर्क मुख्यालयों से कट गया है. बच्चे स्कूल जाने की स्थिति में नहीं है, और व्यापारी काम-धाम छोड़कर पानी के स्तर के गिरने का इंतजार कर रहे हैं. वहीं कई जगह नदी-नाले के उफान पर होने के बावजूद लोग जान जोखिम में डालकर पुल पार कर रहे हैं. तमाम तरह की घटनाओं के बाद भी ऐसे उफनते नदी-नालों पर बने पुल पर सुरक्षा के लिए कोई प्रशासन ने कोई इंतजाम नहीं किए हैं.

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वहीं दूसरी ओर अपने जलप्रपातों के लिए मशहूर बस्तर में भी प्रशासन बारिश के दिनों में पर्यटक स्थलों में सुरक्षा को लेकर बेफ्रिक नजर आ रहा है. चित्रकोट में दो महीने पहले युवती के आत्महत्या करने की घटना सामने आने के बाद भी प्रशासन ने कोई एहतियातन कदम नहीं उठाए हैं. केवल जलप्रपात के समीप कटीले तारों से घेरा बना दिया है, जिससे कोई भी आसानी से पार कर जलप्रपात के नजदीक पहुंच सकता है. इसके अलावा कोई सुरक्षा गार्ड भी तैनात नहीं किया गया है, जो लोगों को ताकीद करे या अनहोनी में मदद करे.

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