दिल्ली. फेसबुक अपनी लोकप्रियता के शिखर पर है. पूरी दुनिया में करोड़ों यूजर्स वाली कंपनी इन दिनों बुरे दौर से गुजर रही है. कंपनी पर लगे आरोपों ने एक ही दिन में फेसबुक के शेयरों का बुरा हाल कर दिया.
अमेरिका के राष्ट्रपति चुनावों में करीब पांच करोड़ यूजर्स के डेटा के लीक होने के मामले में कंपनी के लिए लगातार मुश्किलें खड़ी हो रही हैं. दरअसल, फेसबुक ने बताया था कि एक प्रोफेसर ने फेसबुक के टूल्स का इस्तेमाल एकेडमिक पर्पज के लिए इस्तेमाल करने को लेकर फेसबुक से इजाजत ली थी. जिसके बाद एक क्विज के जरिए करीब तीन लाख लोगों को जोड़ा गया. ये तीन लाख लोग अपने दोस्तों औऱ परिवार के लोगों को भी जोड़ सकते थे. जिसके बाद ये संख्या करीब 5 करोड़ हो गई. फेसबुक ने ही ये जानकारी दी कि उस प्रोफेसर ने बाद में उन पांच करोड़ यूजर्स के डेटा को एक फर्म को दे दिया. ये न सिर्फ लोगों की निजता का उल्लंघन था बल्कि इसने फेसबुक की साख पर भी सवालिया निशान लगा दिया.
इस घटना के खुलासे के बाद लाखों यूजर्स ने फेसबुक को अनसेफ मानते हुए इस प्लेटफार्म को छोड़ दिया वहीं यूरोप औऱ अमेरिका की सरकारों ने फेसबुक के खिलाफ कई तरह की जांचें बिठा दी. इसका असर कंपनी के शेयरों पर भी पड़ा. फेसबुक के एक्टिव यूजर्स की संख्या में जहां करीब 15 फीसदी की गिरावट आई है वहीं पिछले तीन माह में कनाडा और अमेरिका में ही करीब एक करोड़ यूजर्स ने फेसबुक को छोड़ दिया है.
आज अमेरिकी शेयर बाजारों में फेसबुक के शेयर लहूलुहान हो गए और करीब सात फीसदी की गिरावट फेसबुक के शेयरों में दर्ज की गई. जिसके चलते एक ही दिन में मार्क जुकरबर्ग को करीब 400 अरब रुपये की चपत लग गई.