रायपुर. राजीव भवन रायपुर में आयोजित छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस की बैठक खत्म हो गई है. बैठक में संगठन चुनाव की तैयारियों को लेकर चर्चा की गई. बैठक खत्म होने के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि जिला और ब्लाॅक में चुनाव अधिकारी जाएंगे.
बेरोजगारी को लेकर बीजेपी के बयान पर सीएम बघेल ने कहा कि 8 साल से केंद्र में भाजपा की सरकार है. उनको सूची जारी करना चाहिए कि कितने लोगों को रोजगार दिया गया है. कोरोना काल में कितने लोग बेरोजगार हुए, उसकी भी सूची जारी करना चाहिए. अग्निवीर जैसा शिक्षावीर चिकित्सा वीर बनाएंगे क्या ?
राष्ट्रपति चुनाव पर सीएम ने तंज कसते हुए कहा कि आत्मा की आवाज सुनकर वोट डाले जाएंगे. भाजपा नेताओं को अपने पुराने साथी का सहयोग करना चाहिए. सवाल ऑडियोलॉजी का है. मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ आदिवासी बाहुल इलाका है. छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार ने आदिवासियों के हित में जिस तरीके से काम किया है. इसकी तुलना मध्य प्रदेश से कर लीजिएगा. आदिवासियों के जीवन स्तर को ऊपर उठाने, उनको अधिकार दिलाने, पेसा नियमावली बनाने को लेकर हो या चाहे जमीन वापस करने की बात हो, सारी चीजों की व्यवस्था छत्तीसगढ़ में की गई है. इतना उनके शासित राज्यों में किया गया है कि नहीं, उसकी तुलना करनी चाहिए.
दूसरे राज्य में छग की प्रशंसा होना अच्छी बात
केंद्रीय मंत्रियों के छत्तीसगढ़ दौरे को लेकर सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ मॉडल को देखने केंद्रीय मंत्री छत्तीसगढ़ आ रहे हैं. गुजरात मॉडल फेल हो चुका है. छत्तीसगढ़ मॉडल किस तरीके से काम कर रहे हैं, कैसा काम किया जा रहा है उसको देखने आ रहे हैं और प्रशंसा करके जा रहे हैं, यह अच्छी बात है.
गुजरात में छत्तीसगढ़ मॉडल की होगी चर्चा
केंद्र की भाजपा सरकार आदिवासियों के साथ कुठाराघात करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है. ऐसे में आदिवासियों की बात करते हैं जबकि उनको नुकसान पहुंचाने के लिए सारे प्रावधान किए जा रहे हैं. गुजरात चुनाव पर बघेल ने कहा कि अगली बार थोड़ी कसर रह गई थी. इस बार वह कसर नहीं रहेगी. सारे मंत्री गुजरात जा रहे हो तो छत्तीसगढ़ मॉडल की भी चर्चा होगी. राज्यपाल द्वारा नियमितीकरण विधेयकों को मंजूरी देने पर सीएम ने कहा कि बहुत सारे अभी पेंडिंग है. उसकी भी अपेक्षा करते हैं. जितने भी पेंडिंग हमारे विधानसभा अधिनियम बने हैं संशोधन किए हैं. जल्दी राज्यपाल उसमें स्वीकृति प्रदान करें.
सड़कों का नाम महापुरुषों के नाम से करने जा रहे
नवा रायपुर में नामकरण को लेकर सीएम ने कहा कि अधूरे सपने देख रहे हैं. रमन सिंह 15 सीटों से 14 सीटों में रह गए हैं. 2023 के विधानसभा चुनाव में 14 से पता नहीं कितने होंगे. उनके कार्यकाल में महापुरुषों को स्थान नहीं मिलता था. उनका नाम लेना भी उचित नहीं समझते थे. हमने महापुरुषों के नाम से कई कार्यक्रम किए और सड़कों का नाम भी अब महापुरुषों के नाम से करने जा रहे हैं. अनेक महापुरुषों के नाम से नामकरण किया गया है. अगर पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह सहमत होंगे तो उनके नाम से भी सड़क का नामकरण कर देंगे.
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