दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अरसे से चली आ रही परंपराओं को खत्म करने में बेहद यकीन रखते हैं. पीएम ने सिर्फ कुछ ‘खास’ लोगों को दिए जाने वाले पदम पुरस्कारों को आम आदमी के लिए भी सुलभ बनाने की ठान ली है. जिसका नतीजा है कि इस बार जमकर समाज के विभिन्न क्षेत्रों में अच्छा काम करने वाले लोगों को इन विशिष्ट सम्मान से सम्मानित किया गया है.

पीएम ने अपने मन की बात कार्यक्रम में कहा था कि समाज के वे साधारण लोग जो अपने असाधारण कामों से समाज को बेहतर बनाने में लगे हैं उनको इस साल पद्म पुरस्कारों से सम्मानित किया जाएगा. इसके साथ ही उन्होंने इन पुरस्कारों को देने में पारदर्शिता बरतने के लिए पदम पुरस्कारों के लिए नामिनेशन प्रोसेस को आनलाइन भी करने का फैसला लिया ताकि जो भी शख्स इन पुरस्कारों के लिए अपना नामांकन करना चाहता है वो नामांकन कर सकता है. खास बात ये है कि इस साल आनलाइन आवेदन होने के चलते पद्म पुरस्कारों के लिए देशभर से 15,700 आवेदन प्राप्त किए गए थे लेकिन विभिन्न पैमानों पर खरे उतरने के बाद 85 हस्तियों को इस सम्मान से नवाजा गया.

अभी तक चलती थी पुरस्कार पाने के लिए तगड़ी सिफारिश

गौरतलब है कि पहले पदम पुरस्कारों को पाने के लिए मंत्रियों या नेताओं की तगड़ी सिफारिश चाहिए होती थी लेकिन पिछले तीन सालों में मोदी सरकार ने पुरस्कार देने की पूरी प्रोसेस को ही बदल दिया. अब देश का साधारण से साधारण नागरिक आनलाइन तरीके से इन पुरस्कारों के लिए अपना या किसी परिचित का नामांकन करा सकता है.

इस साल दर्जनों साधारण लोगों को मिला है पदम पुरस्कार

अगर पद्म पुरस्कारों की लिस्ट पर गौर करें तो इस साल कई साधारण लोग पद्म श्री पुरस्कारों की लिस्ट में शामिल हैं. जिनमें आईआईटी कानपुर के अरविंद गुप्ता हैं जो कूड़े से बच्चों के लिए खिलौने बनाते हैं. वे इन खिलौनों से बच्चों की रुचि साइंटिफिक गतिविधियों में बढ़ाते हैं. वे देश के 3000 स्कूलों में कूड़े से बने खिलौनों की साइंटिफिक गतिविधियों का प्रदर्शन कर चुके हैं. साइंस जैसे बेहद नीरस विषय को दिलचस्प तरीके से बच्चों को पेश करने के तरीके के चलते इस साल का पदमश्री पुरस्कार अरविंद गुप्ता को दिया गया है. अपने मन की बात कार्यक्रम में पीएम ने खुद अरविंद के प्रयासों की सराहना की थी.

कर्नाटक की सीतावा जोडत्ती जो कि राज्य के बेलगावी में महिलाओं के उत्थान के लिए पिछले तीस सालों से काम कर रही हैं. उनको भी सरकार ने इस साल पदम श्री पुरस्कारों के लिए चुना है. खास बात ये है कि इनकी न तो सिफारिश करने वाला कोई था औऱ न ही किसी नेता या मंत्री ने इनके लिए सिफारिश की थी. बेहद आम लोगों ने इनके कामों की सिफारिश पदमश्री पुरस्कार पाने के लिए की थी.

मध्य प्रदेश के भज्जू श्याम जो कि बेहद गरीब आदिवासी परिवार में पले-बढ़े लेकिन ट्राइबल आर्ट में उनके किए असाधारण योगदान के लिए इस साल उनका भी चयन किया गया. केरल की रहने वाली लक्ष्मी कुट्टी की कहानी भी कम दिलचस्प नहीं है. उन्होंने अपनी याददाश्त के आधार पर सिर्फ 500 हर्बल दवाएं तैयार कर ली. वे आज भी जंगलों के बीच एक झोपड़ी में बेहद खामोशी के साथ अपना काम कर रही हैं. किसी ने उनके नाम की सिफारिश कर दी औऱ सरकार ने उनके इस असाधारण काम को तवज्जो देते हुए उन्हें पदमश्री से नवाजने का फैसला लिया.

अगर आप भी कुछ अच्छा कर रहे हैं औऱ पाना चाहते हैं पदम पुरस्कार तो ये है तरीका और ऐसे पा सकते हैं ये अवार्ड :

अगर आपके आस-पास कोई अच्छा काम कर रहा है या फिर आपकी ख्वाहिश है कि आप पदम पुरस्कार के लायक हैं तो आप सबसे पहले इस वेबसाइट https://padmaawards.gov.in पर जाएं. वेबसाइट के About सेक्शन में क्लिक करें. आपको वहां इन पुरस्कारों का विवरण मिलने के साथ ही सबसे नीचे पदम पुरस्कारों के रुल्स, सेलेक्शन क्राइटेरिया के साथ सारी जानकारी उपलब्ध है. इसके साथ ही अगर आप पद्म पुरस्कारों के चयन या नामिनेशन से जुड़ी कोई जानकारी चाहते हैं तो फोन नंबर 011-23092421 पर सोमवार से शुक्रवार तक 10 बजे से 5 बजे शाम के बीच काल करके पूरी जानकारी ले सकते हैं. इतना ही नहीं [email protected] पर पदम पुरस्कारों से जुड़ी कोई भी जानकारी आनलाइन भी हासिल कर सकते हैं.

तो, अगर आपके आसपास भी कोई अच्छा काम कर रहा है तो आप बिना देर किए उस व्यक्ति से जुड़े सारे डिटेल्स इस वेबसाइट पर साझा कीजिए औऱ वेबसाइट पर दिए निर्देशों का पालन करते हुए समाज के छिपे हुए हीरोज को सबसे सामने लाइए. आखिरकार देश के प्रधानमंत्री खुद आम आदमी की खास कहानी को सम्मानित करना चाहते हैं, तो देर किस बात की है. अच्छा काम कर रहे हैं तो पदम पुरस्कार आपको भी मिल सकता है.