मुंबई. राष्ट्रपति चुनाव को लेकर शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने बड़ा फैसला लिया है. उद्धव ठाकरे ने सांसदों की मांग के आगे झुकते हुए एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को अपना समर्थन दिया है. इससे पहले महाराष्ट्र सीएम एकनाथ शिंदे ने भी स्पष्ट रूप से द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने का ऐलान किया था. माना जा रहा है कि सांसदों की मांग के चलते उद्धव ठाकरे को महाविकास आघाड़ी से अलग जाकर एनडीए उम्मीदवार को समर्थन देने के लिए मजबूर होना पड़ा.

सोमवार को राष्ट्रपति चुनाव को लेकर उद्धव ने सांसदों की बैठक बुलाई थी, जिसमें शामिल ज्यादातर सांसदों का कहना था कि उद्धव को एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देना चाहिए. एनसीपी और कांग्रेस से गठबंधन नहीं तोड़ा है इसलिए उन पर विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को वोट देने का दबाव भी था.

सांसदों के साथ बैठक में उद्धव ने फैसले के लिए एक या दो दिन का समय मांगा था. उद्धव की बैठक में शामिल हुए शिवसेना सांसद गजानन कीर्तिकर ने कहा था, वह एनडीए उम्मीदवार हैं लेकिन द्रौपदी मुर्मू आदिवासी समुदाय से आती हैं और एक महिला हैं. हमें उन्हें अपना समर्थन देना चाहिए, यह सभी सांसदों की मांग है.


प्रतिभा पाटिल व प्रणब मुखर्जी को भी दिया था समर्थन
गजानन कीर्तिकर ने आगे कहा था, हमने यूपीए उम्मीदवार प्रतिभा पाटिल को भी समर्थन दिया था, क्योंकि वह मराठी महिला हैं. हमने प्रणब मुखर्जी को भी समर्थन दिया था. उद्धव जी द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने का ऐलान करेंगे क्योंकि वह आदिवासी महिला हैं. हमें राष्ट्रपति चुनाव के लिए राजनीति से परे देखना चाहिए.