शरद पाठक,छिंदवाड़ा। छिंदवाड़ा जिला अस्पताल हमेशा विवादों के घेरे में रहता है और आए दिन नयी नयी तरह की समस्याएं वहां पर आती रहती हैं. हर बार परेशानी आने पर प्रशासन द्वारा ठोस कदम उठाए जाने का दावा किया जाता है, परंतु जरा सी मुसीबत आते ही उनकी पोल खुल जाती है.
शहर में हो रही बारिश के चलते पूरे वार्ड में हर जगह से छत टपक रहा है, जिसके कारण मरीजों को कहीं सिर छुपाने की जगह नहीं मिल रही थी, आज जिला अस्पताल के गायनिक वार्ड में पानी भर गया और नवजात शिशु एवं प्रसूताएं परेशान होती रही. माएँ अपने नवजात शिशुओं को किसी तरह से अपने आंचल में छुपा कर बारिश से बचाए हुए थी.
बिजली गुल वार्ड में भरा पानी
अभी 2 दिन पहले ही बिजली गुल होने पर पूरा अस्पताल अंधेरे में डूब गया था और जनरेटर सेट नकारा साबित हुए थे. तब प्रशासन द्वारा ठोस कदम उठाए जाने का दावा किया गया था लेकिन आज हुई अचानक बारिश में फिर प्रबंधन की पोल खुल गई. वहां पर ना तो कोई इंतजाम है और ना ही कोई सुनने वाला.
नवजात की मां जमीन में सो रही
छिंदवाड़ा जिला अस्पताल के ए एन सी वार्ड में बहुत सारी माएं पलंगों की कमी होने के कारण जमीन पर अपने बच्चों को नवजात बच्चों को लेकर लेटी थी, परंतु जब वार्ड में पानी भरा तो उनको मजबूरन दूसरे मरीजों के बिस्तर पर शरण लेनी पड़ी. परिजनों की तमाम भागदौड़ के बावजूद भी वहां पर कोई भी जिम्मेदार अधिकारी नहीं पहुंचा.
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