नीरज काकोटिया, बालाघाट। बालाघाट जिला अस्पताल में डेढ़ महीने पहले एक साथ 4 बच्चों को जन्म देने वाली मां और बच्चों को गुरुवार को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। छुट्टी देने से पहले अस्पताल प्रबंधन ने सभी बच्चों को खिलौने और कपड़े देकर विदा किया। इस दौरान बच्चों के मां-पिता के साथ नर्से भी काफी खुश दिखी।

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कहते हैं कि जीवन और मृत्यु उपर वाले के हाथों लिखी है अगर भगवान की इच्छा ना हो तो इंसान मौत के मुंह से भी बाहर निकल कर आ जाता है। ऐसा ही कुछ मामला बालाघाट के जिला चिकित्सालय में देखने को मिला है, जहां करीब डेढ़ माह पहले महिला ने एक साथ चार नवजात को जन्म दिया था। इस साथ 4 बच्चों के जन्म के कारण हालत बेहद नाजुक थी। हालांकि डॉक्टरों की सतत निगरानी में और सफल इलाज से यह सभी नवजात शिशुओं की जान अब बच गई है। सभी के स्वस्थ होने के बाद गुरुवार को अस्पताल प्रबंधन ने एसएनसीयू वार्ड से छुट्टी दे दी।

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बता दें की पिछले दिनों बालाघाट जिला अस्पताल से हैरान कर देने वाला मामला सामने आया था बालाघाट के इतिहास में पहली बार किसी प्रसूता महिला ने एक साथ 4 बच्चों को जन्म दिया था। हालांकि जन्म के बाद बच्चो की हालत बिगड़ते जा रही थी।इलाज के लिए बच्चों को बालाघाट जिला अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड में भर्ती कराया गया था।अस्पताल में पदस्थ शिशु रोग चिकित्सक डॉ नीलय जैन और उनकी टीम लगातार बच्चो की देखभाल कर इलाज कर रही थी। करीब 53 दिनों के कड़े संघर्ष के बाद सभी बच्चों को जीवनदान मिल गया। गुरुवार को सभी चारों बच्चों को डिस्चार्ज कर उन्हे माता-पिता को सौंप कर सकुशल घर भेज दिया गया। वहीं बच्चो की देखभाल और पिता की आर्थिक स्थिति को समझते हुए डॉक्टर निलय जैन ने उन्हे स्वेच्छानुसार आर्थिक सहायता भी दी, जिससे वे बच्चों की सही तरीके से देखभाल कर सके।

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