रांची. लंबे अरसे से बीमार खूंखार नक्सली नेता देव कुमार सिंह उर्फ अरविंद उर्फ अरविंद जी की मौत हो गई. अरविंद झारखंड में माओवाद के शीर्षस्थ नेताओं में एक था. वो सेंट्रेल कमेटी का मेंबर था. अरविंद की मौत सुबह बूढ़ा पहाड़ जंगल में हुई. अरविंद पर करीब 1 करोड़ चालिस लाख का ईनाम अलग-अलग राज्यों की पुलिस ने रखा था. अरविंद बिहार-झारखंड में लंबे अरसे से सक्रिय था. हालांकि बीते करीब दो बरसो से उसकी भूमिका मार्ग दर्शक मंडल के सदस्य के रुप में सीमित हो गई थी.

खबरें हैं कि उसे दिल का दौरा पड़ा था. उसके इलाज के लिए डॉक्टर को ले जाया गया था लेकिन अरविंद की मौत हो गई. अरविंद बीते दो बरस से  शारीरिक रुप से काफी कमज़ोर हो चुका था. उसकी सुरक्षा में कमांडर अमन परछाई की तरह साथ होता था. अमन के अलावा हर समय कम से कम चालीस नक्सली उसकी सुरक्षा के लिए तैनात रहते थे.

बूढ़ा पहाड़ के जिस जंगल में अरविंद उर्फ अरविंद जी का ठिकाना था, वह वहाँ डेढ़ बरस से मौजूद था. लेकिन विशेष सुरक्षा दस्ता और चारो ओर लैंड माइंस की मौजूदगी ने पुलिस और सुरक्षा बलों से उसे हमेशा सुरक्षित दूरी में रखा. फ़ोर्स ने कई कोशिशें की लेकिन वह कभी अरविंद के ठिकाने तक नहीं पहुँच पाई.

जानकारो का मानना है कि अरविंद की मौत के बाद अब कमान पूरी तरह प्रभाकर के हाथो में आ गई है जो कि दंडाकारण्य कमेटी की ओर से तीन साल पहले बिहार झारखंड कमेटी में भेजा गया था और वो मिलिट्री कमेटी मेंबर था. ख़ुफ़िया विभाग और पुलिस से जूड़े सूत्रों का मानना है कि अब इस इलाक़े में घटनाओं में तेज़ी आएगी. एक प्रकार से इसे यूं भी समझा जा सकता है कि, नक्सली संगठन को अरविंद की मौत के बाद एक बडा कैडर मिल जाएगा जो कि अरविंद के साथ उसकी सुरक्षा और देखरेख के लिए तैनात था.

सूत्र बताते हैं कि बिहार, झारखण्ड,छतीसगढ़ के तमाम बड़ी घटनाओं में इसकी संलिप्तता रही है और औरंगाबाद के गोह स्थित एमबीएल कम्पनी में हुई हथियार लूट में भी ये शामिल था. जानकारों के अनुसार सीपीआई माओवादी के केंद्रीय कमेटी का सदस्य अरविंद झारखंड बिहार उतरी छतीसगढ़ का टॉप माओवादी कमांडर था.  अरविंद 2006- 07 जहानाबाद जेल ब्रेक का मास्टर माइंड बताया जाता था और उक्त घटना में वह शामिल भी रहा था.

इसके अलावा सरगुजा में आईजी रहते हुए स्वर्गीय बीएस मरावी पर अरविंद ने ही हमला किया था. झारखण्ड पुलिस के प्रवक्ता सह विशेष कार्य बल के महानिरीक्षक आशीष बत्रा ने बताया कि अरविंद पिछले कई दिनों से हृदय रोग से पीड़ित था और उसकी मौत हो गयी. लेकिन शव नही मिलने की वजह से नक्सली की मौत की सत्यता की जानकारी अपने सूत्रों द्वारा भी करवाई जा रही है. देव कुमार उर्फ अरविंद जी पर छत्तीसगढ़ सरकार ने 40 लाख और झारखंड सरकार ने 1 करोड़ रुपयों का इनाम घोषित किया था