नई दिल्ली। उप राष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष ने कांग्रेस नेता मार्गरेट अल्वा को अपना उम्मीदवार घोषित किया है. एनसीपी नेता शरद पवार ने नाम की घोषणा करते हुए कहा कि सभी 17 दलों ने एकमत से मार्गरेट अल्वा के पक्ष में निर्णय लिया है. अल्वा मंगलवार को नामांकन दाखिल करेंगी. मार्गरेट अल्वा का मुकाबला एनडीए के उम्मीदवार जगदीप धनखड़ से मुकाबला होगा.

1999 में लोक सभा के लिए निर्वाचित होने से पूर्व मार्गरेट अल्वा 1974 से निरंतर चार बार छः वर्ष की अवधि के लिए राज्य सभा के लिए निर्वाचित हुईं. 1984 की राजीव गाँधी सरकार में श्रीमती अल्वा को संसदीय मामलों का केन्द्रीय राज्य मंत्री बनाया गया. बाद में आप मानव संसाधन विकास मंत्रालय में युवा मामले तथा खेल, महिला एवं बाल विकास के प्रभारी मंत्री के दायित्व का निर्वाह किया. 1991 में कार्मिक, पेंशन, जन परिवेदना तथा प्रशासनिक सुधार (प्रधानमंत्री से सम्बद्ध) की केंद्रीय राज्य मंत्री बनायी गयीं, जहाँ आपने शासन को जनसामान्य तक पहुंचाने और प्रशासन के विकेंद्रीकरण की प्रक्रिया को आरंभ किया। कुछ समय के लिए विज्ञान एवं तकनीकी मंत्री के रूप में सेवाएँ दीं.

प्रतिष्ठित सांसद के रूप में 30 वर्षों की अवधि में भारतीय संसद की बहुत महत्त्वपूर्ण समितियों यथा सार्वजनिक निकायों की समिति, (सी.ओ.पी.यू.), लोक लेखा समिति, (पी.ए.सी.),विदेश मामलों की स्थायी समिति, पर्यटन और यातायात, विज्ञान एवं तकनीकी, पर्यावरण व वन तथा महिला अधिकारों की चार महत्त्वपूर्ण समितियाँ- जैसे दहेज निषेध अधिनियम (संशोधन) समिति, विवाह विधि (संशोधन) समिति, समान पारिश्रमिक समीक्षा समिति तथा स्थानीय निकायों में महिलाओं के 33 प्रतिशत आरक्षण हेतु 84वें संविधान संशोधन प्रस्ताव के लिए बनी संयुक्त चयन समिति में महत्वपूर्ण योगदान दिया। 1999 से 2004 तक महिला सशक्तीकरण की संसदीय समिति की सभापति रह चुकी हैं.

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