कवर्धा। चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के मामले में जिला चिकित्सालय कवर्धा ने अपनी एक अलग पहचान बनाई है. जिला चिकित्सालय को उत्कृष्ट स्वास्थ्य सेवाओं और मरीजों की बेहतर इलाज के लिए केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय गुणवक्ता प्रमाण पत्र प्रदान किया गया है. इसके बावजूद इस चिकित्सालय में कुछ ऐसी घटनाएं हो रही हैं जो कि आपत्तिजनक है. जिला अस्पताल में घुसकर दिनदहाड़े CMHO को जान से मारने की धमकी दी गई है. CMHO दहशत में है. SP से मदद की गुहार लगाई है.

ऐसी ही एक घटना में 12 जुलाई को जिला चिकित्सालय में कार्यरत एक चिकित्सक ने अवकाश के अवधि की नियमानुसार वेतन कटौती से नाराज होकर बाहर से कुछ अन्य लोगों को बुलवाकर हंगामा मचाया. हंगामा मचाने वालों ने सिविल सर्जन सह मुख्य चिकित्सालय अधीक्षक को गाली-गलौज कर जान से मारने की धमकी दी. इसकी शिकायत कबीरधाम जिले के पुलिस अधीक्षक से लिखित में कर कार्रवाई की मांग की गई है.

सिविल सर्जन सह मुख्य चिकित्सालय अधीक्षक डॉ. पी.सी. प्रभाकर द्वारा की गई लिखित शिकायत के अनुसार 12 जुलाई को जिला चिकित्सालय कबीरधाम में शाम लगभग 6.00 बजे जिला चिकित्सालय में कार्यरत डेंटल अस्सिटेंट ओंकार सिंद्राम ने कामू बैगा, प्रमोद नेताम सहित अन्य गैर शासकीय व्यक्तियों को बिना अनुमति के कार्यालय प्रमुख के कक्ष में प्रवेश कराकर वेतन कटौती की बात को लेकर हंगामा मचाया.

राज्यपाल महोदया के प्रवास के अवधि के दौरान डेंटल अस्सिटेंट ओंकार सिंद्राम को अवकाश स्वीकृति प्रदान नहीं की गई थी. दो दिन की वेतन कटौती को लेकर ओंकार सिंद्राम, कामू बैगा, प्रमोद नेताम और अन्य गैर शासकीय व्यक्तियों ने मुख्य चिकित्सालय अधीक्षक डॉ. पी.सी. प्रभाकर को अश्लील गाली-गलौज किया. दुष्परिणाम भुगतने और जान से मारने की धमकी दी. अपने कृत्य से इन लोगों ने शासकीय कार्य में बाधा उत्पन्न की.

सिविल सर्जन सह मुख्य चिकित्सालय अधीक्षक डॉ. पी.सी. प्रभाकर ने अपने लिखित शिकायत में कहा है कि इन लोगों ने उन्हें जान से मारने की धमकी दी है, जिसके कारण उन्हें अपनी जान का खतरा महसूस हो रहा है. 12 जुलाई को जिला चिकित्सालय कवर्धा में हुए हंगामे की घटना वहां लगे CCTV कैमरे में रिकॉर्ड हुई है.

इसकी पेन ड्राइव में कॉपी लिखित शिकायत के साथ प्रस्तुत की गई है. साथ ही हंगामा करने वाले डेंटल अस्सिटेंट सहित उसके द्वारा बाहर से बुलवाए गए लोगों पर कार्रवाई किए जाने की मांग की गई है.

जिला अस्पताल को मिला है नेशनल क्वालिटी असोरेन्स स्टैंडर्ड का प्रमाण-पत्र

जिला अस्पताल को उत्कृष्ठ स्वास्थ्य सेवाओं व मरीजों के बेहतर इलाज के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (एन क्यू ए एस- नेशनल क्वालिटी असोरेन्स स्टैंटर्ड) प्रमाण पत्र प्रदान किया गया है. भारत सरकार द्वारा जिला अस्पताल को यह प्रमाण पत्र 12 विभागों के बेहतर कार्य प्रदर्शन के लिए प्रदत्त किया गया है.

उल्लेखनीय है कि जिला अस्पताल के लिए अनवरत अनेक प्रयास किये गए, जिसमें सबसे बड़ा योगदान लम्बे समय से रिक्त पड़े विशेषज्ञ चिकित्सकों की भर्तियां, मेडिकल ऑफिसर्स की भर्तियां और अन्य स्टाफ समेत संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित कराया जाना शामिल है. कोविड काल के पूर्व ही किए गए उक्त प्रयासों का परिणाम रहा कि कोविड जैसी महामारी आने पर कबीरधाम जिला स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करके कोविड के प्रकोप से सुरक्षित बाहर आ पाया.

इसके बाद लगातार जिला अस्पताल में तमाम स्वास्थ्य सेवाओं में उत्तरोत्तर वृद्धि शासन व जिला प्रशासन स्तर पर जारी रखी गई. गत 12 मई से लगातार तीन दिनों तक भारत सरकार के तीन अलग-अलग राज्यों से आये वरिष्ठ विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम ने जिला अस्पताल में कार्यों के मानकों को बारीकी से परखा.

टीम द्वारा एक-एक विभाग के कार्यों, दस्तावेजों के रख-रखाव, प्रॉपर रिपोर्टिंग, मरीजों की दी जा रही सेवाओं, सफाई व्यवस्थाओं आदि में खरा पाया इसके लिए टीम ने कई वार्ड में जाकर मरीजों से भी बातचीत की थी. तमाम औपचारिका पूरी करने के बाद अस्पताल को यह प्रमाण पत्र प्रदान किया.