रायपुर. एक ही टेबल को अलग अलग पर दाम पर खरीदने का मामला शांत भी नहीं हुआ था कि अब स्कूल शिक्षा विभाग का एक और कारनामा सामने आ आया है. जिसमें विभाग द्वारा कक्षा पहली से कक्षा आठवीं तक के प्रश्न पत्र को अलग अलग जिलों में अलग अलग दर पर खरीदा गया है. इतना ही नहीं विभाग ने बिना परीक्षा संपन्न हुए इस खरीदी की राशि का भी भुगतान कर दिया है. यह आरोप कांग्रेस ने लगाया है.
कांग्रेस प्रदेश कांग्रेस कमेटी व्यापार प्रकोष्ठ के अध्यक्ष कन्हैया अग्रवाल, अशोक शिवहरे एवं अतुल रघुवंशी ने एक बयान जारी करते हुए कहा है कि दुर्ग की आविश कमर्शियल कंपनी ने सत्र 2014 -15 में धमतरी जिले में तीसरी चौथी के प्रश्न पत्र 14 रुपये में तो जांजगीर जिले में 27 रूपये में सप्लाई किए हैं. इससे स्पष्ट हो जाता है कि मनमानी दरों पर स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा खरीदी की प्रक्रिया गोपनीयता की आड़ में अपनाई गई है. कांग्रेस व्यापार प्रकोष्ठ के द्वारा घोटाले की शिकायत दस्तावेजों के साथ प्रधानमंत्री कार्यालय, मानव संसाधन मंत्री, मुख्यमंत्री कार्यालय एवं राजभवन को भेजा है. साथ ही न्यायालय और लोकायुक्त में भी इस मामले को ले जाने की बात कही है.
इस पूरे मामले के लिए कांग्रेस ने स्कूल शिक्षा मंत्री को जिम्मेदार ठहराया है. कांग्रेस का आरोप है कि इन घोटालेबाजों को मंत्री का संरक्षण प्राप्त है जिसके चलते विभाग के कर्मचारी इस तरह के कारनामों को अंजाम दे रहे हैं.
आपको बता दें कि पूर्व में विधानसभा की कार्यवाही के दौरान स्कूल शालाओं में फर्नीचर खरीदी के मामले को लेकर जमकर हंगामा किया गया था. दुर्ग संभाग के दुर्ग, बालोद, बेमेतरा, राजनांदगांव एवं कवर्धा जिले की शालाओं में फर्नीचर खरीदी में गड़बड़ी किए जाने का आरोप विपक्ष ने सरकार पर लगाया था. उसके बाद अब विभाग पर प्रश्न पत्र खरीदी में गड़बड़ी का आरोप लगाया गया है.