NEET 2022: केरल के कोल्लम जिले के एक निजी शैक्षणिक संस्थान में रविवार को नीट में शामिल होने आईं छात्राओं को उस समय बेहद अपमानजनक स्थिति का सामना करना पड़ा जब परीक्षा में बैठने से पहले उन्हें अंत:वस्त्रत्त् उतारने के लिए कहा गया.

 पहली बार नीट परीक्षा (NEET 2022) देने आई 17 वर्षीय एक छात्रा के पिता के मुताबिक, उनकी बेटी अब तक उस भयावह अनुभव को नहीं भूल पाई है जब उसे तीन घंटे से अधिक समय तक अंत:वस्त्रत्त् के बिना बैठने के लिए मजबूर होना पड़ा. छात्रा के पिता ने इस संबंध में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है. वह मानवाधिकार आयोग का रुख करने पर भी विचार कर रहे हैं. अन्य छात्राओं ने भी परीक्षा केंद्र पर इस तरह के भयावह अनुभव के बारे में जानकारी साझा की.

 केरल की उच्च शिक्षा मंत्री आर. बिंदू ने सोमवार को कहा, महिला अभ्यर्थियों से आयोजकों का ऐसा व्यवहार अस्वीकार्य है. हम इस संबंध में केंद्र सरकार और राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) को अपनी नाराजगी से अवगत कराएंगे. पुलिस के मुताबिक, इस घटना के सामने आने के बाद सोमवार को विभिन्न राजनीतिक दलों के संगठन ने कॉलेज के खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी किया.

NEET में हिजाब पहनकर पहुंचीं छात्राएं, बवाल

नीट 2022 एग्जाम में नकल पर लगाम लगाने के लिए एनटीए ने काफी सख्त गाइडलाइन बनाए थे. इसमें फुल स्लीव की ड्रेस, लंबी शर्त या कुर्ते, हाई हील्स, जूते, ईयररिंग, घड़ी, कड़े या किसी तरह की मेटल की चीज.. ये सब पहनने पर रोक लगाई गई थी. इस बीच जब राजस्थान के कोटा में कुछ मुस्लिम छात्राएं हिजाब पहनकर पहुंचीं तो सेंटर पर हंगामा शुरू हो गया. काफी देर तक बहस के बाद भी जब छात्राएं हिजाब हटाने के लिए राजी नहीं हुईं, तो उनसे अंडरटेकिंग लिखवाकर उन्हें सेंटर में एंट्री दी गई.

देशभर में हजारों केंद्रों पर करीब 18 लाख स्टूडेंट्स ने नीट यूजी 2022 की परीक्षा दी. इस दौरान पहले ही सख्त गाइडलाइन जारी करने के बावजूद स्टूडेंट्स उन नियमों का उल्लंघन करते हुए पहुंचे थे. कई केंद्रों पर फुल स्लीव पहनकर पहुंचे स्टूडेंट्स की शर्ट/ कुर्ते की स्लीव काट दी गई. उसके बाद उन्हें परीक्षा केंद्र में प्रवेश दिया गया.