वीरेंद्र गहवई, बिलासपुर. जिला अस्पताल में मोतियाबिंद के ऑपरेशन में लेंस लगाने के नाम पर मरीजों से अवैध उगाही करने का मामला सामने आया है. मरीजों की आंख में लेंस लगाने के लिए नेत्र सहायक ने रुपए वसूले हैं. मामला सामने आने के बाद स्वास्थ्य महकमा सकते में आ गया है. इस मामले में अधिकारियों का कहना है कि अभी जांच चल रही है, जांच के बाद दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी.
दरअसल, जिला अस्पताल के साथ ही सरकार हॉस्पिटल में मोतियाबिंद के ऑपरेशन के दौरान मरीजों को जरूरत के हिसाब से मुफ्त में लेंस भी लगाया जाता है, लेकिन यहां नेत्र सहायक ने मोतियाबिंद का ऑपरेशन कराने वाले मरीजों को सरकारी लेंस खराब होने और फीट नहीं बैठने की बात कह कर लेंस खरीदकर लगाने के बहाने 5 हजार रुपए की वसूली की है. यह मामला तब सामने आया, जब तोरवा क्षेत्र के बूटापारा निवासी राजकुमार मरावी की आंख में दिक्कतें हुई और वह जांच के बाद जिला अस्पताल में ऑपरेशन कराने पहुंचा. इस दौरान नेत्र सहायक दीपिका रजक ने उससे लेंस लगाने के लिए पांच हजार रुपए वसूल लिया.
सरकारी लेंस बेहतर: सिविल सर्जन
इधर जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. अनिल गुप्ता का कहना है कि सरकारी लेंस बेहतर होता है. मरीज से लेंस के नाम पर रुपए वसूली की जानकारी मिली है. मामला सामने आने के बाद आरएमओ सहित अन्य स्टाफ से पूछताछ कर जांच की जा रही है. जांच के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी और दोषी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
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