अभिषेक सेमर, तखतपुर. छत्तीसगढ़ राज्य सरकार की योजना पर पतीला लगाने के लिए नगर पालिका के अधिकारी कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे है. नगर पालिका तखतपुर के अधिकारी इन दिनों सांठगाठ के खेल में सराबोर नजर आ रहे हैं. ये हम नहीं कह रहे बल्कि नगर पालिका के पार्षद और नगर पालिका तखतपुर का हाले हकीकत बया हो रहा है.

दरअसल पौनी पसारी योजना गरीब तबके के लिए और छोटे फूटकर दुकानदारों को नियमानुसार पात्रता के अनुसार आबंटन करना है, ताकि वो आबंटित दुकान पर व्यवसाय कर अपना और अपने परिवार का भरण पोषण कर सके. साथ ही जो सड़कों के किनारे पसारी में जो बैठकर दुकान लगाते हैं उनको व्ययसाय के मुख्यधारा में जोड़ने के लिए यह योजना लागू की गई है, लेकिन यहां इतनी जल्दबाजी है कि जनाब मुख्य नगर पालिका अधिकारी अनुभव सिंह समेत अन्य जनप्रतिनिधियों ने निर्माणाधीन पौनी पसारी को आबंटित करने अखबार में इश्तेहार तक जारी कर दिए. इस पर्दादारी से नगर पालिका की मिली भगत और सांठगाठ का खेल अब उजागर होने लगा है. अब इस मामले में लेनदेन की बात कही जा रही है.

पुरजोर विरोध करेंगे: भाजपा पार्षद
इस संबंध में भाजपा के सीनियर पार्षद ईश्वर देवांगन ने मुख्य नगर पालिका अधिकारी पर सीधे आरोप लगाते हुए इस पौनी पसारी चबूतरा आबंटन में बंदरबाट और लेन-देन का आरोप लगाया है. उन्होंने बताया कि पौनी पसारी योजना के तहत आधा अधूरा दुकान निर्माण होने के बावजूद नगर पालिका अधिकारी आबंटन के लिए जल्दबाजी कर रहे हैं, ये बिल्कुल गलत है और हम इनका पुरजोर विरोध करेंगे.

पारदर्शिता लाने के निर्देश दिए हैं: अफसर
इस मामले में अनुविभागीय अधिकारी महेश शर्मा ने बताया कि आज नगर पालिका पार्षद ने ज्ञापन सौंपा है. मुख्य नगर पालिका अधिकारी को पौनी पसरी में हो रहे आबंटन में पारदर्शिता लाने के निर्देश दिए हैं. जो पात्र लोग हैं. उनको आबंटन किया जाएगा. पार्षदों ने जो आरोप लगाया है उसमें भी नगर पालिका अधिकारी से जानकारी मांगी जाएगी. इस संबंध में तखतपुर के नगर पालिका अधिकारी अनुभव सिंह हमेशा का पक्ष जानने दो बार फोन किया गया लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया.

इस संबंध में तखतपुर के नगर पालिका अधिकारी अनुभव सिंह हमेशा के अनुभव की तरह आज भी मीडिया के फोन को इग्नोर कर दिए. पौनी पसारी योजना में हुए गड़बड़ी पर उनका पक्ष जानने के लिए दो बार फोन किया गया, लेकिन जनाब सीएमओ अनुभव सिंह फोन नहीं उठाए. हमेशा की तरह इस मसले पर भी कन्नी काट लिए.

ऐसे में उनकी गंभीरता पर सवाल क्यों नहीं उठे कि जब नगर पालिका तखतपुर के अधीन होने वाले विकास कार्यों में गड़बड़झाला मामला उजागर होने पर उनकी भूमिका खामोशी के जरिए बयां हो रही है, लेकिन अब देखना होगा कि इस खबर के बाद स्थानीय निकाय जिला प्रशासन समेत आला अधिकारी गरीबों के हक के लिए न्याय कर पाते हैं या फिर अपने अधिकारियों की इन गड़बड़ियों के लिए पीठ थपथपाते नजर आएंगे, यह तो समय ही तय करेगा.