पुरषोत्तम पात्र, गरियाबंद। छत्तीसगढ़ में खाद की किल्लत किसी से छिपा नहीं है. इधर राज्य और केंद्र सरकार की खाद को लेकर ठनी है, वहीं बिचौलिए बड़े आसानी से खाद को गांव-गांव में किसानों को महंगे दामों पर बेचकर मालामाल हो रहे हैं. हैरानी की बात ये है कि दूसरे राज्य से खाद बॉर्डर पर कर लाया जा रहा है और छत्तीसगढ़ में खपाया जा रहा है. बॉर्डर पर भी सांठगांठ और जिले में भी कालाबाजारी का खेल जारी है. कृषि विभाग के अधिकारी सवालों के घेरे में हैं.

दरअसल, गरियाबंद जिला ओडिशा सीमा से लगा है. बॉर्डर से पास में गांव होने के कारण बिचौलिए फायदा उठा रहे हैं. देवभोग ओडिशा के नवरंगपुर, कालाहांडी और नुआपाड़ा जिले के सीमा से घिरा हुआ है. इन्हीं सीमा से लगे गांवों कैठपदर, गिरशूल, दहिगांव, खोखसरा, झिरीपानी, बरही, उरमाल जैसे दर्जन भर गांव में कुछ किराना और गल्ला व्यवसायी ओडिशा का खाद डंप कर बिक्री कर रहे हैं.

मामले में एसडीएम टीआर देवांगन ने कहा कि ज्यादा कीमत में विक्रय की सूचना मिलने पर जांच कराई जा रही है. सूचना आप भी दीजिए कार्रवाई की जाएगी.

गिरशूल में दिखा ओडिशा
गिरशूल के तिराहे पर मौजूद एक किराने की दुकान पर आज दोपहर 2 बजे एक पिकअप से नारंगी कलर के बैग में खाद उतर रहा था. यह डॉक्टर फसल के नाम से बिकने वाले यूरिया का है. गिरशूल के एक गोदाम में ओडिसा का खाद उतारा गया है, इसी तरह कई इलाकों में खेल जारी है, लेकिन प्रशासन इस पर लगाम लगाने में नाकाम है.

हिंदुस्तान उर्वरक प्राइवेट लिमिटेड द्वारा तैयार इस खाद की बिक्री की अनुमति अब तक छतीसगढ़ में नहीं है. पश्चिम बंगाल की इस कम्पनी की खाद की विक्रय के लिए अब तक ओडिशा और पश्चिम बंगाल सरकार ने ही ओ फार्म दे रखा है.

देवभोग के 8 सहकारी समिति में अब तक खाद सप्लाई का सरकारी रिकॉर्ड

खाद मांग(टन में) पूर्ति
यूरिया 1400 1008
सु फास्फेड 50 46
डीएपी 700 400
पोटाश 240 200

देखिए VIDEO-

Read more- Health Ministry Deploys an Expert Team to Kerala to Take Stock of Zika Virus