सत्यपाल राजपूत, रायपुर। छत्तीसगढ़ के स्कूलों में शिक्षकों ने नया जुगाड़ अपनाया है. खुद स्कूल नहीं जाते हैं. अपने बदले में भाड़ा में टीचर रखे हैं. इस बात का खुलासा होते ही शिक्षकों के कान खड़े हो गए हैं. शिक्षा विभाग के जारी आदेश में कहा गया है कि 10 दिन के भीतर स्कूलों के दीवारों पर फोटो के साथ परिचय चस्पा करने के निर्देश दिए हैं. साथ ही भाड़ा के टीचर्स पर तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं.

दरअसल, सुदूर अंचलों में स्थित शालाओं में निरीक्षण के दौरान प्रोक्सी मतलब अपने स्थान पर एवजी शिक्षकों के कार्यरत होने की जानकारी प्राप्त होने पर स्कूल शिक्षा विभाग एक्शन मोड पर है. समग्र शिक्षा के प्रबंध संचालक नरेन्द्र दुग्गा ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को आगामी 10 दिनों के भीतर आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चत करने के निर्देश दिए हैं.

साथ ही एवजी शिक्षकों की जानकारी प्राप्त होने पर संकुल समन्वयकों के माध्यम से तत्काल इसकी शिकायत विकासखंड शिक्षा अधिकारी को करवाते हुए एक्शन लेने कहा गया है.

एवजी या प्रोक्सी शिक्षकों की समस्या के निराकरण के लिए आगामी 10 दिनों के भीतर सभी शालाओं में कार्यरत शासकीय शिक्षकों के फोटो और उनके नाम सहित विवरण बाहरी दीवार पर प्रदर्शित करने के निर्देश दिए गए हैं.

साथ ही शासकीय शिक्षकों के दस्तावेजों का कार्यालय में वेरिफिकेशन करते हुए प्रमाणीकरण करने कहा गया है. शाला प्रबन्धन समिति के साथ सभी कार्यरत शासकीय शिक्षकों का परिचय सत्र आयोजित कर प्रत्येक शिक्षक द्वारा उनके समक्ष शाला गुणवत्ता सुधार के लिए लक्ष्य निर्धारित कर प्रस्तुतीकरण करने भी कहा गया है.

जिला शिक्षा अधिकारियों को सभी शालाओं में आगामी दस दिनों के भीतर कार्रवाई सुनिश्चित करने कहा गया है, जिससे राज्य स्तर से निरीक्षण के दौरान सभी शालाओं में यह व्यवस्था लागू होने की सूचना मिल सके.

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