गौरव जैन, गौरेला-पेन्ड्रा-मरवाही। बिलासपुर-कटनी रेल मार्ग में सवारी ट्रेनों और मालगाड़ियों के बढ़ते दबाव को देखते हुए रेलवे और राज्य शासन ने सयुंक्त रूप से हाई टेक ओवरब्रिज का निर्माण कराया था, जो बदहाली के आंसू बहा रहा है. 2 साल भी पूरे नहीं हुए हैं, लेकिन लापरवाही के कारण आज अंधेरा छाया रहता है.
दरअसल, दो साल पहले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने उद्धघाटन किया था. उद्धघाटन के दो साल बीत जाने के बाद भी ओवरब्रिज में लगी 100 से ज्यादा लाइटें नहीं जल रही हैं. शाम हो जाने के बाद ब्रिज में घुप्प अंधेरा छा जाता है, जिससे आने जाने वाले लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
रात को ब्रिज में मवेशियों का भी जमावाड़ा रहता है, जिससे एक्सीडेंट की भी संभावना बनी रहती है. इसके साथ ही ब्रिज में अंधेरे का फायदा उठाकर आसामाजिक तत्वों के द्वारा अवांछनीय कार्य किया जाता है.
बता दें कि 76 करोड़ की लागत से निर्मित पेन्ड्रा रोड रेलवे ओवर ब्रिज का आकार Y शेप में है. साथ ही ये प्रदेश का दूसरा सबसे बड़ा ब्रिज है. इस व्यस्तम मार्ग का उपयोग सबसे ज्यादा पर्यटक यात्री अमरकंटक, बिलासपुर, रायपुर, जबलपुर, कोरबा, शहडोल आने जाने के लिए करते हैं.
व्यस्तम मार्ग होने से साथ ही किसी भी अनहोनी घटना को रोकने के लिए शासन प्रशासन को तत्काल ब्रिज में लाइट जलने की व्यवस्था करनी चाहिए. इसे लेकर स्थानीय लोगों में आक्रोश है. बदहाली को लेकर कोस रहे हैं.
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