हेमंत शर्मा, इंदौर। नगरीय निकाय चुनाव खत्म होते ही अब इंदौर का विश्व प्रसिद्ध खजराना गणेश मंदिर सियासत का नया केंद्र बन गया है। दरअसल महाकाल मंदिर समेत देशभर के मंदिरों के गर्भ गृह में प्रवेश दिया जा रहा है, लेकिन खजराना गणेश मंदिर के गर्भ गृह में प्रवेश पर अभी भी रोक है। साथ ही गर्भ गृह के सामने बने बरामदे से दर्शन के लिए 500 रुपए का शुल्क लिया जा रहा है, जबकि कोरोना काल से पहले तक यहां निःशुल्क प्रवेश दिया जाता था। साथ ही गर्भ गृह में भी भक्तों को प्रवेश की अनुमति थी। कोरोना काल के समय देशभर के मंदिरों के गर्भ गृह में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। इसमें इंदौर का विश्व प्रसिद्ध खजराना गणेश मंदिर भी शामिल था। बाद में प्रदेश के महाकाल मंदिर समेत सभी मंदिरों के गर्भ गृह में प्रवेश शुरू कर दिया गया, लेकिन खजराना गणेश मंदिर के गर्भ गृह में प्रवेश आज भी बंद है। मंदिर के सामने बने बरामदे से दर्शन के लिए भी 500 रुपए का शुल्क लिया जा रहा है।

इसको लेकर भक्तों में खासा आक्रोश है ही, सियासी दलों को भी बड़ा मुद्दा मिल गया है। कांग्रेस ने इस पर अपनी आपत्ति दर्ज कराई है।कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता नीलाभ शुक्ला ने इसे प्रशासन की मनमानी बताते हुए कहा कि ये तो एक तरह का जजिया कर है। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी पर भी निशाना साधते हुए कहा कि अपने आपको धर्म का ठेकेदार बताने वाली बीजेपी के शहर में कई बड़े नेता, मंत्री, सांसद और अब महापौर भी है। किसी ने भी इस जजियाकर को बंद करने और दर्शनार्थियों के गर्भगृह में प्रवेश के लिए प्रयास नहीं किए, जबकि कांग्रेस हमेशा से इस वसूली को बंद करने और दर्शनार्थियों के लिए गर्भगृह में प्रवेश की मांग उठाती रही है।देश विदेश के लोगों की आस्था का केंद्र खजराना गणेश मंदिर के गर्भ गृह में प्रवेश तत्काल शुरू किया जाए। साथ ही सभागृह से दर्शन अभिषेक के नाम पर की जा रही वसूली को बंद किया जाए।

वहीं इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस का साथ देने आम आदमी पार्टी भी मैदान में कूद पड़ी है। आप पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता हेमंत जोशी का कहना है कि ये भगवान के भक्तों के साथ अन्याय है, आम श्रद्धालुओं को भगवान से दूर करने की साजिश है,आम आदमी पार्टी मंदिर में हो रही वसूली और गर्भ गृह में प्रवेश की मांग को लेकर आंदोलन चलाएगी।

उधर,राज्य की सत्तारुढ़ भारतीय जनता पार्टी इस मुद्दे को लेकर बैकफुट पर है। बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता उमेश शर्मा का कहना है कि विपक्षी दल इस मुद्दे पर राजनीति ना करें।मध्यप्रदेश में जब कांग्रेस की 15 महीने की सरकार आई थी, तब उस दौरान कमलनाथ ने सभी मंदिरों की जमीनें बेचने का फरमान जारी कर दिया था।जहां तक गणेश मंदिर के गर्भ गृह में प्रवेश का सवाल है, उस पर जिला और मंदिर प्रशासन से बात की जाएगी। वहीं मंदिर के पुजारी भी इसे अनुचित बता रहे हैं।खजराना गणेश मंदिर के मुख्य पुजारी पंडित मोहन भट्ट का कहना है कि मंदिर के प्रशासक कलेक्टर हैं। इसलिए नीतिगत फैसले वही लेते हैं। मंदिर में दर्शन के नाम पर 500 रुपए की रशीद काटना गलत है।इससे भगवान के दर्शन की आस लेकर पहुंच रहे श्रद्धालुओं के मन में कष्ट होता है।इसलिए सभी भक्तों को बरामदे तक प्रवेश की अनुमति देना चाहिए, साथ ही गर्भ गृह में प्रवेश पर लगी रोक को हटा देना चाहिए।

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