लखनऊ. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जनसंख्या वृद्धि के कारण भूगर्भीय जल की समस्या बढ़ रही है. दरअसल, शुक्रवार को अटल भूजल योजना के अंतर्गत जनजागरूकता के लिए चलाए गए भूजल सप्ताह के समापन के अवसर लोकभवन में आयोजित कार्यक्रम को सीएम संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि पहले प्रदेश की जनसंख्या मात्र 6 करोड़ थी, आज 25 करोड़ है तो स्वाभाविक रूप से पेयजल, सिंचाई और अन्य औद्योगिक उत्पादन के लिए ज्यादा से ज्यादा भूगर्भीय जल का इस्तेमाल बढ़ गया है.
सीएम ने कहा कि हमारे सामने समस्या ये थी कि बढ़ती हुई आबादी को देखते हुए भूगर्भीय जल संरक्षण को किसी अभियान से नहीं जोड़ पाए थे. इसलिए डार्क जोन, खारा पानी, आर्सेनिक और फ्लोराइड की समस्या एक चुनौती रूप सामने खड़ी हो गई. इसको देखते हुए हम लोगों ने इसके प्रबंधन, संरक्षण और संवर्धन के लिए कार्ययोजना बनाई. आज इसमें परिवर्तन देखने को मिल रहा है. योगी ने कहा कि सन् 2000 में प्रदेश के अंदर कुछ विकासखण्डों की स्थिति भूजल स्तर के मामले में क्रिटिकल हो गई थी. मात्र 17-18 वर्षों में उनकी संख्या बढ़कर कई गुना हो गई थी. लेकिन विगत चार-पांच साल के अंदर जो अभियान प्रदेश के अंदर चलाए गए उनके अच्छे परिणाम सामने आए हैं. उन विकासखण्डों को क्रिटिकल से सामान्य स्थिति में लाने में हमें मदद मिली है. थोड़ा सा प्रयास हुआ तो देखते ही देखते उसमें परिवर्तन दिखाई देने लगा.
भूजल रथ का शुभारंभ
मुख्यमंत्री ने कहा कि 16 जुलाई से लेकर 22 जुलाई के बीच में आयोजित हो रहे इस भूजल सप्ताह के दौरान 17 जुलाई को लखनऊ से 10 जनपदों की 550 ग्राम पंचायतों यानी 26 विकास खंड और 550 ग्राम पंचायतों के लिए भूजल रथ का शुभारंभ करने का भी अवसर प्राप्त हुआ. उन्होंने कहा कि प्राचीन काल से नदियों में गंदगी ना करने के लिए लोग एक-दूसरे को प्रोत्साहित करते रहे हैं. देश के अंदर नदियों की पवित्रता की जब बात की जाती है तो हमने उन्हें मां जैसा पवित्र भाव दिया है. गंगा मईया के रूप में हमने भारत की सबसे पवित्र नदी को मान्यता दी है.
भूगर्भ जल संरक्षण की दिशा में बेहतर काम हुआ- सीएम
मुख्यमंत्री योगी ने नमामि गंगे और ग्रामीण जलापूर्ति विभाग की योजनाओं की सराहना की. उन्होंने कहा पांच साल में भूगर्भ जल संरक्षण की दिशा में बेहतर काम हुआ है. जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि 17 जुलाई को मुख्यमंत्री ने अटल भूजल योजना के अंतर्गत जनजागरूकता के लिए भूजल सप्ताह के अवसर पर डिजीटल भूजल बसों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था. जिसका आज अंतिम दिन है. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार भूजल प्रबंधन और सरंक्षण के लिए गंभीर है.
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