हेमंत शर्मा, इंदौर। वात्सल्य ग्रुप द्वारा शहर में 1 हजार से ज्यादा प्लॉट धारकों के साथ 100 करोड़ से ज्यादा की धोखाधड़ी के मामले में फरार डायरेक्टर अफसर नवाब बेग को नौलक्खा से इंदौर क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार किया है। आरोपी पर पुलिस ने 10 हजार का इनाम घोषित किया था। वहीं एक और डायरेक्टर प्रफुल्ल गाडगे अभी फरार चल रहे है। प्रफुल्ल गाडगे पर भी 30 हजार का इनाम घोषित किया।
दरअसल मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में रियलस्टेट का बड़ा कारोबार फल-फूल रहा है। इसी के बीच बड़े बिल्डर माफिया इंदौर में खेती की जमीन पर प्लॉट काटकर बेचने का काम लगातार कर रहे हैं। इसी तरह का एक मामला इंदौर में वात्सल्य बिल्डर द्वारा की गई धोखाधड़ी का सामने आया है। जिसमें वासल्या बिल्डर ने इंदौर के खंडवा रोड, सिमरोल, एयरपोर्ट के पीछे नैनों में 5 कॉलोनी काटी है। जिसमें न ही बिल्डर द्वारा अब तक रेरा लिया गया और ना ही डेवलपमेंट का काम शुरू हुआ। इसके पहले ही बिल्डर ने कॉलोनियों में प्लॉट बेचना शुरू कर दिया। 1 हजार से ज्यादा प्लॉट बिल्डर द्वारा बेचे जा चुके हैं। जब प्लॉट के खरीदारों को कॉलोनी में डेवलपमेंट का काम शुरू होता नहीं दिखाई दिया तो पूरे मामले की शिकायत कलेक्टर मनीष सिंह की।
इसके बाद कलेक्टर ने वात्सल्य ग्रुप के डायरेक्टर प्रफुल्ल गाडगे और अकबर नवाब बेग को सख्त हिदायत दी और जल्द ही डेवलपमेंट का काम शुरू करने के निर्देश दिए। जिसके बाद इंदौर जिला कलेक्टर के सामने बाउंडओवर भरकर दोनों ही डायरेक्टरों ने समयावधि में काम पूरा करने कहा था। कलेक्टर द्वारा दी गई समय अवधि भी खत्म होने के बाद बिल्डरों ने डेवलपमेंट का काम शुरू नहीं किया। आधा अधूरा डेवलपमेंट हुआ तो पर डेवलपर को भी डेवलपमेंट करने का 5 करोड़ से ज्यादा की राशि नहीं दी गई। जिसके बाद डेवलपर ने भी काम बंद कर दिया। पूरे मामले की शिकायत इंदौर के तेजाजी नगर पुलिस को की गई थी। इसके बाद पुलिस ने दोनों आरोपियों पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर आरोपियों की तलाश शुरू कर दी।
पुलिस पर खड़े हुए कई सवाल
सूत्रों के मुताबिक वात्सल्य बिल्डर के दोनों ही डायरेक्टर मामला दर्ज होने के बावजूद इंदौर शहर में आकर लगातार रजिस्ट्री कराते रहे। इनाम घोषित होने के बाद दोनों ही अपराधियों में पुलिस का खौफ नजर नहीं आया। तेजाजी नगर थाना क्षेत्र के आसपास दोनों ही बिल्डर घूमते रहे और प्लाटों को बेचने का सिलसिला जारी रखा। इस बीच वात्सल्य बिल्डर ने 20 करोड़ से ज्यादा के प्लॉट बेच दिए और फिर कई लोगों के साथ धोखाधड़ी की। इंदौर क्राइम ब्रांच ने मुखबिर की सूचना पर एक आरोपी अफसर नवाब को गिरफ्तार कर लिया है। पर प्रफुल्ल गाडगे अब भी पुलिस गिरफ्त से बाहर है। स्थानीय थाना पुलिस पर लगातार सवाल खड़े हो रहे हैं पलिस इन पर क्यों अपनी दया दृष्टि बनाए हुए है ।
गिरफ्तारी की जानकारी मिलते ही थाने पहुंचे शिकायतकर्ता
क्राइम ब्रांच द्वारा नवाब बेग को गिरफ्तार करने की जानकारी लगते ही कई शिकायतकर्ता तेजाजी नगर थाने पहुंचे। पुलिस पर भी कई गंभीर आरोप लगाए। शिकायतकर्ता का कहना है कई बार पुलिस को दोनों ही बिल्डरों के इंदौर आने की जानकारी दी गई लेकिन तेजाजी नगर पुलिस ने कभी कोई कार्यवाही नहीं की। शिकायतकर्ता ने पलिस पर लेनदेन के गंभीर आरोप भी लगाए हैं। शिकायतकर्ताओं का कहना है मुख्य डायरेक्टर प्रफुल्ल गाडगे अभी नागपुर में बैठकर कॉलोनियों के प्लॉट लगातार बेच रहा है। पुलिस मुख्य आरोपी को पकड़ने में अभी तक नाकाम है। इंदौर आए प्रफुल्ल गाडगे के पार्टनर अफसर नवाब की जानकारी लगते ही थाना पुलिस को जानकारी ना देते हुए शिकायतकर्ता ने सीधे शिकायत इंदौर क्राइम ब्रांच डीसीपी निमिष अग्रवाल को की। जिसके बाद मनीष अग्रवाल ने टीम गठित कर आरोपी को गिरफ्तार कर थाने पहुंचाया।
Read more- Health Ministry Deploys an Expert Team to Kerala to Take Stock of Zika Virus
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
- खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- मनोरंजन की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक