नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने जीएसटी को लेकर एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया है. शीर्ष अदालत ने शुक्रवार को गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स नेटवर्क (जीएसटीएन) पोर्टल को 1 सितंबर से दो महीने के लिए खुला रखने का निर्देश दिया, जिससे व्यवसायी टैक्स क्रेडिट का दावा कर सके.

इस फैसले से अनेक व्यवसायियों को फायदा मिलेगा, जो जीएसटी की पूर्व व्यवस्था में टैक्स क्रेडिट को लेकर सरकार के खिलाफ मुकदमा किए हुए हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि यह निर्णय ऐसे समय में आया है जब सालों से कई करदाताओं का जीएसटी रिफंड नहीं हो पाया है, जो किसी न किसी तकनीकी दिक्कत की वजह से समय पर फॉर्मों को दाखिल नहीं कर पाए थे.

जानकारों का मानना है कि यह फैसला उन तमाम व्यवसायियों के लिए फायदेमंद है, जिनका जीएसटी रिटर्न फंसा है. भले ही वे रिट याचिका के पक्षकार हों या नहीं. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के आलोक में सभी व्यवसायों को किसी भी पूर्व-जीएसटी क्रेडिट को देखना चाहिए जहां उनका पैसा फंसा है.

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