बैकुंठपुर। कोरिया जिला मुख्यालय से लगभग 70 किमी0 मनेन्द्रगढ विकासखंड के ग्राम पंचायत कछौड में रहने वाले एक मजदूर परिवार की दो बेटियों ने जो काम कर दिखाया है उसकी चारों ओर चर्चा है. दरअसल रोज अपनी मां को लगभग दो किलोमीटर दूर नाले से पानी लाता हुआ देखकर इन बेटियों ने घर में ही कुंआ खोद दिया.
मनेन्द्रगढ विकासखंड के ग्राम पंचायत कछौड में अमर सिंह गोंड पत्नी जुकमुल, बडी बेटी शांति व छोटी बेटी विज्ञांति के साथ निवास करता है. घर के आसपास कोई हैंडपंप न होने के कारण जुकमुल को पानी लेने के लिए घर से लगभग 2 किमी0 दूर मुडधोवा नाला में जाना पडता था. उस पारा में लगभग 15 परिवार रहते हैं. यहां पीने के पानी के लिए तीन हैंडपंप लगे हुए हैं. दो हैंडपंप खराब हैं एक जो चलता भी है उसमें कुछ देर के बाद गंदा और लाल पानी आने लगता है जिसे पीना तो दूर बर्तन धोने के लिए उपयोग में भी नहीं लाया जा सकता. ऐसे में कसहिया पारा के सभी लोग पीने के लिए मुडधोवा नाला पर ही आश्रित हैं.
रोजमर्रा के काम के साथ ही साथ पीने के लिए भी नदी का ही पानी इस परिवार के लोग उपयोग किया करते थे। रोज मां को होने वाली परेशानी को देख दोनों बेटियां ने जो फैसला किया लिया वे घर के आंगन में ही कुआं खोदेगीं और फिर दोनों बहनों ने घर के आंगन में एक कुआं खोदने का काम शुरू कर दिया. बेटियों को कुआं खोदते देख मां और पिता ने भी सहयोग करना शुरू कर दिया और कुछ ही दिनों में लगभग 20 फिट गहरा कुआं खोद लिया और तब बेटियों के आश्चर्य का ठिकाना नहीं रहा जब कुएं से अच्छा पानी निकलने लगा.