भोपाल। मध्यप्रदेश में लगातार हो रही बारिश के कारण कई नदियां उफान पर हैं। साथ ही प्रदेश के कई डैम भी छलकने लगे हैं। खंडवा जिले के इंदिरा सागर बांध के 12 गेट खोल दिए गए हैं। नर्मदा में प्रति सेकंड 2000 क्यूमेक्स पानी छोड़ा जा रहा है। इससे बांध के डाउन स्ट्रीम में नर्मदा का जल स्तर बढ़ गया है। यहां से पानी ओंकारेश्वर बांध के जलाशय में पहुंचने से वहां भी बांध के 18 गेट खोलेगए हैं।

नदी में बह गई कार

शाजापुर जिले के मक्सी-बड़नपुर रोड पर स्थित लखंदुर नदी में कार डूब गई। हालांकि गनिमत यह रही कि इस घटना में कोई जनहानि नहीं हुई।प्रत्यक्षदर्शी मोहन सिंह गुर्जर ने बताया कि नेवरी के रहने वाले लोग कार से जा रहे थे, तभी अचानक पुलिया पर पानी का बहाव तेज होने से उनकी कार फंस गई। गाड़ी में सवार लोगों ने नदी में छलांग लगा कर अपनी जान बचाई। लेकिन कार बह गई।

अनूपपुर-पेंड्रा मार्ग बना तालाब

अनूपपुर जिले के अंतिम छोर वेंकटनगर से छत्तीसगढ़ को जोड़ने वाला मार्ग हल्की बरसात में तालाब में तब्दील हो जाता है। बारिश का पानी घर के अंदर तक चला जाता है, जिसके कारण ग्रामवासियों और वाहन चालकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। शासन के द्वारा सड़क तो बनाई गई है, पर पानी निकलने की व्यवस्था नहीं की गई। जिससे हल्की बरसात में वेंकटनगर से छत्तीसगढ़ को जोड़ने वाले मुख्य मार्ग पर पानी जमा हो जाता है। ग्राम वासियों के द्वारा कई बार शिकायत की गई, परंतु जिला प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है।

जान जोखिम में डाल पुल पार कर रहे लोग

बड़वानी जिले में राजघाट नर्मदा नदी का जर्जर पुल से ग्रामीण दूरी कम करने के चक्कर में जान जोख़िम में डाल कर आना-जाना कर रहे हैं। प्रशासन ने गड्ढे खोदकर मार्ग को अवरुद्ध कर दिया है, बावजूद लोग रिस्क लेकर पुलिया पार कर रहे हैं।

नर्मदा का जल स्तर खतरे के निशान के पास

देवास जिले के अंतिम छोर पर बसे नेमावर में नर्मदा नदी का जल स्तर खतरे के निशान के पास पहुंच चुका है। जिसके चलते प्रशासन और पुलिस द्वारा घाटों पर लगी दुकानों को हटवाया गया। साथ ही एहतियात के तौर निचली बस्तियों को भी खाली करवाया जा रहा है।

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