नई दिल्ली। जब कांग्रेस नेताओं राहुल गांधी और सोनिया गांधी को पूछताछ के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ED) के मुख्यालय बुलाया गया था, इस दौरान कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने जमकर प्रदर्शन किया. उग्र प्रदर्शन को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने इसे कवर करने के लिए 100 निजी फोटोग्राफर्स को काम पर रखा. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि यह रणनीतिक कदम विभाग द्वारा इस दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं के विरोध के कारण बनने वाली किसी भी अप्रिय घटना पर नजर रखने के लिए किया गया था.

दिल्ली पुलिस ने ऐसी स्थितियों के लिए पहले कभी भी निजी फोटोग्राफर्स को काम पर नहीं रखा था. उन्होंने निजी इवेंट मैनेजमेंट कंपनियों के फोटोग्राफरों को काम पर रखा, जिनके माध्यम से फोटोग्राफरों को ईडी मुख्यालय (ED office) में और उसके आसपास तैनात किया गया था. इन फोटोग्राफरों को उनके अनुभव के आधार पर प्रति व्यक्ति लगभग 2,000 रुपये से 4,000 रुपये का भुगतान किया गया और इस प्रकार, दिल्ली पुलिस ने कवरेज के लिए लगभग 2 लाख से 4 लाख रुपये का भुगतान किया.

फोटोग्राफर्स को पहनाया गया पुलिस जैकेट

इन कैमरामैनों को पुलिस जैकेट भी पहनाया गया, ताकि उन्हें भीड़ के बीच पहचाना जा सके. फोटोग्राफरों में से एक, जो कि ए.पी.जे. अब्दुल कलाम रोड पर तैनात था, उसने बताया कि उन्हें हर दिन 2,000 रुपये का भुगतान किया गया और सोनिया गांधी के ईडी मुख्यालय में आने पर उन्हें फोटो क्लिक करने के लिए कहा गया था. स्काई ग्लोबल फर्म के आकाश ने बताया कि सोनिया गांधी के पूछताछ के लिए आने पर 30 फोटोग्राफरों को मौके पर भेजा गया था. उन्होंने कहा कि हर कैमरामैन को अलग-अलग राशि का भुगतान किया गया.

दिन में केवल 10 फोटोग्राफ

आकाश ने कहा कि “राहुल गांधी से पूछताछ के पहले दिन करीब 30 फोटोग्राफर भेजे गए. यह पूछताछ पांच दिनों तक चली. अगले चार दिनों में हमने हर दिन केवल 10 फोटोग्राफर भेजे. सोनिया गांधी जब ईडी मुख्यालय (ED office) आईं, तो हमने 30 फोटोग्राफर को भेजा”.

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