रायपुर. पौराणिक मान्यता है कि मंगल भगवान शिव से उत्पन्न हुए. कहीं खून तो कहीं आंसू और कुछ ग्रंथों में शिव के तेज से मंगल की उत्पत्ति मानी जाती है. यह भी माना जाता है कि शिव की कृपा से ही मंगल ग्रह के रूप में आकाश में स्थित हुआ. ज्योतिष में मंगल को हर विपरीत स्थितियों और कठिन समय से जूझने की ताकत देने वाला ग्रह माना जाता है.

इस बार मंगल को संकष्टी भौम व्रत बहुत प्रभावकारी है. कोई व्यक्ति अपनी मनचाही मुराद पूरी ना कर पा रहा हो, पसंद की नौकरी, शादी, घर, संतान अथवा जीवन की अन्य परेशानी हो यथा कर्ज चुकने का ही नाम ना लें, कर्ज से अपनी प्रतिष्ठा, सुखशांति समाप्त होने लगे तो मनचाही इच्छा पूर्ति हेतु ज्योतिषीय उपाय करने चाहिए. मंगल की शांति के लिए नियम यह है कि पूरे दिन व्रत रखकर शाम के समय भगवान शिव एवं हनुमान जी की पूजा करें.

मंगलवार के दिन व्रत होने से इस दिन संध्या के समय हनुमान चालीसा के पाठ का भी कई गुणा लाभ मिलता है. मंगल दोष के प्रभाव को कम करने के लिए इस दिन मसूर की दाल, लाल वस्त्र, गुड़, तांबा का दान करना उत्तम फलदायी होता है. ऐसा करने से कर्ज से मुक्ति प्राप्त होती है और जीवन में समृद्धि का वास होता है.