रायपुर. सांसद अरुण साव ने जल जीवन मिशन के गुणवत्ता विहीन काम एवं क्रियान्वयन में धीमी गति के मामले को लोकसभा में उठाया और मामले की जांच कराकर कार्रवाई की मांग की. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त 2019 से जल-जीवन मिशन की शुरुआत की, जिसके माध्यम से देश के लगभग 50 प्रतिशत ऐसे ग्रामीण क्षेत्र हैं, जहां लोगों को पानी की समस्या होती है, उन क्षेत्रों में पीने का पानी पहुंचाई जानी है.
सांसद साव ने सदन में कहा कि केंद्र सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना से राज्य के लगभग 50 लाख घरों में नल से पानी पहुंचाना है, परंतु राज्य में जल जीवन मिशन का काम अत्यंत पिछड़ा हुआ है और देश में छत्तीसगढ़ राज्य 31वें पैदान पर है. इतना ही नहीं काम भी अत्यंत गुणवत्ताविहीन है. इसकी शिकायतें लगातार सामने आ रही है. वहीं तेलंगाना, हरियाणा, गोवा, पुदुचेरी जैसे राज्यों ने समय से पूर्व ही अपने लक्ष्य को प्राप्त कर हर घर में नल से जल पहुंचा दिया है.
सांसद अरुण साव ने लोकसभा में नियम 377 के अधीन अत्यंत लोक महत्व के विषय के अंतर्गत हर घर तक नल से शुद्ध जल पहुंचाने की इस महत्वाकांक्षी योजना के क्रियान्वयन की अत्यंत धीमी गति एवं अत्यंत गुणवत्ता विहीन काम की जांच कराकर आवश्यक कार्रवाई की मांग की, ताकि छत्तीसगढ़ में उक्त योजना का समय पर ठीक से क्रियान्वयन हो सके एवं हर घर को नल से नियमित रूप से शुद्ध जल मिल सके.
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