LOCAL NEWS : बीजापुर। बारिश मूसलाधार थी और बाढ़ का पानी गांवों की तरफ बढ़ रहा था, लोग घरों में दुबकने को मजबूर थे. लेकिन तब ड्यूटी को बोझ ना समझकर चुनौती मानते लाइफ स्पोर्ट जैकेट और रबर बोट लेकर आगे बढ़ रहे थे नगर सेना के जवान. जिले में महीनेभर से हो रही मूसलाधार बारिश और उससे उपजे बाढ़ के हालातों के बीच बाढ़ग्रस्त इलाकों में फंसे लोगों के लिए उम्मीद की किरण नगर सेना के जवान ही थे, जो विपरीत परिस्थितियों में भी प्राकृतिक आपदा से निर्मित चुनौतियों को पार कर लोगों को रेस्क्यू कर रहे थे.

सर्वाधिक बाढ़ प्रभावित भोपालपट्टनम ब्लॉक के ताड़लागुड़ा में नगर सेना के 30 जवान 72 घंटे तक डटे हुए थे. चाहे लोगों को रेस्क्यू करना हो या उन तक जरूरी मदद पहुंचानी हो, प्रतिकूल परिस्थितियों में भी जवानों ने जज्बे के साथ जिम्मेदारियां निभाई. प्लाटून कमांडर निर्मल साहू के मुताबिक महीनेभर से हो रही बारिश से जिले के ज्यादातर इलाकों में हालात बद से बदतर रहे. लोगों तक मदद पहुंचाने और रेस्क्यू करने के लिए 30 नगर सैनिकों की ड्यूटी आपदा प्रबंधन के तहत् लगी थी. हम तीन रबर बोट में 10-10 की टुकड़ियों में बंटे थे.

400 से ज्यादा लोगों को बचाया

सूचनाओं पर पल-पल की नजर होती थी. जैसे ही उन्हें कहीं से मदद पहुंचाने की सूचना मिलती थी, देर ना करते मुस्तैद उनके जवान लोकेशन पर पहुंच जाया करते थे. हालांकि रेस्क्यू का यह सिलसिला अभी भी थमा नहीं है. मिरतूर, चेरपाल इलाके में अभी भी बाढ़ से हालात बुरे हैं. उनकी टीम वहां भी नजर बनाई हुई है. उनकी टीम पूरे सेवा भाव से लोगों की मदद कर रही है. लगभग 400 से ज्यादा लोगों को बाढ़ के दौरान रेस्क्यू किया गया. सहयोग के लिए एसडीआरएफ (SDRF) की टीम भी पहुंची हुई थी.

चुनौतियों से अनजान, मदद को निकले जवान

देवदूत बनकर सामने आए ये जवान ट्रैफिक, थाना, दूरसंचार, कलेक्ट्रेट समेत अन्य जगहों पर अपनी ड्यूटी करते हैं. लेकिन जब-जब जिले में बाढ़ से हालात बनते हैं तब नगर सेना के ये जवानों फर्ज को बोझ ना मानते हुए जज्बे के साथ प्रभावितों की मदद के लिए आगे आते हैं. प्लाटून कमांडर निर्मल साहू कहते हैं कि उनके दल में शामिल हर एक जवान अपने घर से जब निकलता था तो आगे कैसी चुनौतियां होगी, उन्हें पता नहीं होता था. बस सूचना मिलते ही मौके पर पहुंचते और योजना तैयार कर रेस्क्यू ऑपरेशन को अंजाम देते थे.

गर्भवती-बीमार को पहुंचाया अस्पताल

रेस्क्यू के दौरान देवदूत बने जवानों ने ना सिर्फ बाढ़ में फंसे लोगों को बाहर निकाला, बल्कि झमाझम बारिश और उफनी नदी-नालों को पार कर बल्कि गर्भवती महिला समेत मरीजों को सुरक्षित अस्पताल पहुंचाया. बाढ़ के बीच नगर सेना के जवानों की लीड रोल के अब लोग भी मुरीद हो चले हैं. लोग जहां उनके कार्यों की प्रसंशा करते नहीं थक रहे, वहीं जवानों के जज्बे को सलाम भी कर रहे हैं.

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