रायपुर। रायपुर जीआरपी पुलिस की भूमिका संदेह के दायरे में है. जीआरपी पुलिस ने एक ऐसे व्यक्ति को चंद मिनटों में ही बगैर किसी तस्दीक के छोड़ दिया है जिस पर चांदी तस्करी का आरोप लगा कर पुलिस के हवाले किया गया था. यही नहीं जीआरपी के कुछ सिपाहियों पर स्टेशन में तस्कर से पैसे लेने के भी आरोप हैं.

मामला शुक्रवार-शनिवार की रात 3 बजे के आस-पास का बताया जा रहा है. गीतांजली सुपरफास्ट एक्सप्रेस में जाने के लिए हेमराम नाम का एक व्यक्ति पहुंचा. उसी दौरान जीआरपी के कुछ सिपाहियों ने उसके बैग को लेकर तस्दीक की. बताया जा रहा है कि जीआरपी के सिपाहियों ने उस व्यक्ति से पैसे लेकर उसे छोड़ दिया. मौके पर मौजूद कुछ लोगों ने जब यह देखा तो उन्होंने हंगामा मचा दिया. जिसके बाद जीआरपी के अधिकारियों को बुलाकर उसे उनके हवाले कर दिया गया.

जीआरपी प्रभारी एलएस राजपूत ने लल्लूराम डॉट कॉम से बातचीत में बताया कि उस व्यक्ति के पास शंकेश्वर सिल्वर नाम की शॉप का अथॉरिटी लेटर है जो कि 21 मार्च को जारी किया गया था . उसी दिन हेमराज मुंबई से रायपुर के लिए रवाना हुआ और उसने अपने साथ लाए हुए 12 किलो 430 ग्राम चांदी के जेवरातों का सैंपल दिखाने के बाद वापस जा रहा था. उसके पास वोटर आईडी कार्ड भी बरामद हुआ है.

हालांकि जीआरपी प्रभारी जिस अथॉरिटी लेटर की बात कर रहे हैं उसमें कहीं पर भी जीएसटी नंबर दर्ज नहीं है और न ही उसमें कोई फोन नंबर ही दर्ज है. साथ ही लेटर देखकर प्रथम दृष्टया ही फर्जी लेटर प्रतीत हो रहा है. उसके बावजूद रायपुर रेलवे स्टेशन के जीआरपी थाना के अधिकारियों ने जल्दबाजी दिखाते हुए बगैर किसी तस्दीक व जांच के हेमराज को छोड़ दिया.