शब्बीर अहमद, भोपाल। राजधानी में बहुचर्चित इंजीनियरिंग स्टूडेंट निशंक राठौर की मौत मामले की जांच अब एसआईटी करेगी। प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने मामले की जांच के लिए एसआईटी गठन ने आदेश दिए हैं।
उन्होंने इस मामले को लेकर कहा कि पुलिस की जांच में अभी प्रथम दृष्टया खुदकुशी का मामला लग रहा है। मामला संवेदनशील है इसलिए एसआईटी गठित की जा रही है जो तमाम बिंदुओं पर जांच करेगी।
वहीं इस मामले में भोपाल की पुलिस ने जांच बंद कर दी है। भोपाल पुलिस ने कहा है कि रायसेन की जिला पुलिस इस मामले की जांच कर रही है। भोपाल पुलिस ने दावा किया है कि अभी तक की जांच में पुलिस को किसी भी तरह के हत्या के सबूत नहीं मिले है। प्रथम मेडिकल रिपोर्ट में भी किसी तरह के हत्या के सबूत नहीं आए है। घटनास्थल और शरीर पर किसी भी तरह के स्ट्रगल के साक्ष्य नहीं मिले हैं। करीब तीन दर्जन सीसीटीवी में युवक अकेला ही जाता दिख रहा है।
पुलिस की जांच में क्रिप्टो करेंसी में पैसे इन्वेस्ट की बात सामने आई है।मृतक के परिजन और दोस्तों के लिए बयान में यह बात सामने आई है। इस मामले में सबसे अहम बिंदु पिता और दोस्तों के मोबाइल पर मैसेज भेजने वाले शख्स की ओर पुलिस की जांच की सुई घूम नहीं रही है। इस दिशा और बिंदु पर जांच से मामले में अहम सुराग मिल सकता है।
बता दें कि इंजीनियरिंग स्टूडेंट निशंक राठौर का शव संदिग्ध हालत में रेलवे ट्रैक पर मिला था। बरखेड़ा स्टेशन मास्टर की सूचना पर रायसेन पुलिस घटनास्थल पहुंची और शव को पीएम के लिए एम्स हॉस्पिटल भोपाल भिजवाया था। बताया जाता है कि मृतक निशंक घटना की शाम से परिजनों के सम्पर्क में नहीं था। मृतक होशंगाबाद जिले के सिवनी मालवा का निवासी था।
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