CG NEWS: रायपुर. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से आज विधानसभा स्थित उनके कार्यालय कक्ष में सिंगापुर में ईएसजी ग्रिट पुरस्कार समारोह में सम्मानित स्व-सहायता समूह की महिलाओं ने सौजन्य मुलाकात की. मुख्यमंत्री बघेल ने राज्य लघु वनोपज संघ सहित वनधन केन्द्रों के समूहों को उनकी इस महत्त्वपूर्ण उपलब्धि के लिए बधाई और शुभकामनाएं दी. इस अवसर पर वन मंत्री मोहम्मद अकबर, अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू, राज्य लघु वनोपज संघ के प्रबन्ध संचालक संजय शुक्ला भी उपस्थित थे.
मुख्यमंत्री बघेल के पूछे जाने पर मां धारिणी करिन स्व-सहायता समूह बकावंड वन धन केन्द्र की सदस्य पद्मिनी बघेल ने बताया कि, उन्होंने पुरस्कार समारोह में अपने बकावण्ड काजू की पूरी प्रोसेसिंग प्रक्रिया के बारे में जानकारी दी. उन्होंने मुख्यमंत्री को बताया कि अब उनके समूह ने अपनी छोटी सी दुनिया से एक बड़ी दुनिया की ओर अपना पहला कदम बढ़ाया है. हरिबोल स्व-सहायता समूह डोंगानाला, वनधन केन्द्र की सदस्य सरोज पटेल ने बताया कि, उन्होंने समारोह में उनके समूह के द्वारा वनौषधियों के संग्रहण से उनके प्रसंस्करण और विक्रय तक की पूरी प्रक्रिया बताई.
महिलाओं ने मुख्यमंत्री को बताया कि सिंगापुर बहुत सुंदर है. वहां उन्होंने चिड़ियाघर, पार्क, समुद्र, हॉलीवुड के साथ ही शहर की हरियाली देखी. मुख्यमंत्री बघेल ने उन्हें बधाई देते हुए कहा कि आप सभी को आपके काम के बदौलत विदेश जाने का मौका मिला. जंगल से निकलकर सिंगापुर की सैर करने का मौका मिला. पहले अधिकारी नेताओं को विदेश घूमाने ले जाते थे. अब वे आप लोगों को ले जा रहे हैं, ऐसा पहली बार हुआ है.
दरअसल, सिंगापुर में 22 और 23 जुलाई को आयोजित ईएसजी ग्रिट पुरस्कार समारोह में छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ सहित जगदलपुर और कोरबा के दो महिला स्व-सहायता समूह पुरस्कृत हुए. प्रदेश को लघु वनोपज प्रोसेसिंग के क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर यह महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल हुई है, जिसके तहत छत्तीसगढ़ को संधारणीय विकास, गरीबी उन्मूलन और महिला सशक्तिकरण के लिए अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार मिला. छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद यह पहला अवसर है, जब महिला स्व-सहायता समूह के सदस्य एक अंतर्राष्ट्रीय प्रतिष्ठित पुरस्कार प्राप्त करने के लिए विदेश यात्रा पर रहीं.
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल पर छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ के वन धन विकास केन्द्रों में लघु वनोपज के प्रसंस्करण कार्य में लगी महिला सदस्यों के समर्पित कार्य प्रणाली का परिणाम है कि इस अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए उनकी पहचान हुई. समारोह में मां धारिणी करिन स्व-सहायता समूह बकावंड वन धन केन्द्र की सदस्य पद्मिनी बघेल और बेलाबाई कश्यप तथा हरिबोल स्व-सहायता समूह डोंगानाला, वनधन केन्द्र की सदस्य सरोज पटेल और फूलबाई नेती सम्मानित हुईं.
खुशी से भरपूर छत्तीसगढ़ के इन वनवासी प्रतिनिधियों ने 150 देशों के 200 से अधिक प्रतिनिधियों के समक्ष यह पुरस्कार ग्रहण करते हुए, छत्तीसगढ़ मॉडल और सतत विकास की कहानी बताई. इन्होंने इस समारोह में पूरी दुनिया के व्यवसायी, बैंकर्स, इनवेस्टर्स, पर्यावरणविद तथा शासकीय प्रतिनिधियों की उपस्थिति में ‘छत्तीसगढ़-हर्बल्स’ की पूरी दुनिया में पहचान सुनिश्चित किया. इससे लघु वनोपज आधारित उद्योग को बढ़ावा मिलेगा. ‘छत्तीसगढ़ मॉडल’ को पूरे विश्व में सतत विकास के मॉडल के रूप में पहचान मिलेगी. छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ के इस दल का नेतृत्व राज्य लघु वनोपज संघ के प्रबंध संचालक संजय शुक्ला द्वारा किया गया और अपर प्रबंध संचालक बी. आनंद बाबू और वनमंडल अधिकारी स्टायलो मण्डावी सहयोग के लिए दल में सम्मिलित थीं.
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