रायपुर. श्रावण कृष्ण पक्ष अमावस्या को हरियाली अमावस्या के नाम से जाना जाता है. देश के कई भागों विशेषकर उत्तर भारत में इसे एक धार्मिक पर्व के साथ ही पर्यावरण संरक्षण के रूप में मनाया जाता है. श्रावण मास में महादेव के पूजन का विशेष महत्व है इसीलिए हरियाली अमावस्या पर विशेष तौर पर शिवजी का पूजन किया जाता है. हरियाली अमावस्या को पेड़-पौधे और प्रकृति का पूजन किया जाता है. इस दिन विशेष रूप से पीपल के पेड़ का पूजन किया जाता है, उसके फेरे लिए जाते हैं और मालपुओं का भोग लगाया जाता है.
इस दिन पीपल, बरगद, नींबू, केला और तुलसी आदि का रोपण करना बहुत शुभ माना जाता है. क्योंकि वृक्षों में देवों का वास माना जाता है जैसे पीपल में ब्रह्मा, विष्णु और महेश का वास बताया जाता है वहीं आवंला में भगवान लक्ष्मीनारायण. इसी दिन के बाद गेहूं, ज्वार, मक्का आदि की बुआई की जाती है. अमावस्या के दिन हर व्यक्ति अपने पितरों को याद करते हैं और श्रद्धा भाव से उनका श्राद्ध भी करते हैं. अपने पितरों की शांति के लिए हवन आदि कराते हैं. ब्राह्मण को भोजन कराते हैं और साथ ही दान-दक्षिणा भी देते हैं. साथ ही हरियाली अमावस्या को पितरो की याद में वृक्ष लगाने की परम्परा भी है.
पौराणिक महत्व
हरियाली अमावस्या के दिन पौधा लगाकर उसकी रखवाली करने, जल-खाद आदि देने से पुण्य की प्राप्ति होती है. मनुष्य अपने जीवन में जितनी ऑक्सीजन लेता है और जब यहां से विदा लेता है, उसमें पौधों की मुख्य भूमिका होती है. इसलिए हर व्यक्ति को हरियाली अमावस्या के दिन पौधा लगाना चाहिए. ज्योतिष के अनुसार, आरोग्य प्राप्ति के लिए नीम का, संतान के लिए केले का, सुख के लिए तुलसी का, लक्ष्मी के लिए आंवले का पौधा लगाना चाहिए.
आइए जानते है कुछ विशेष कामना सिद्धि हेतु कौन से वृक्ष लगाये-
1. लक्ष्मी प्राप्त के लिए- तुलसी, आँवला, केल, बिल्वपत्र का वृक्ष लगाएं.
2. आरोग्य प्राप्त के लिए- ब्राह्मी, पलाश, अर्जुन, आँवला, सूरजमुखी, तुलसी लगाएं.
3. सौभाग्य प्राप्त हेतु- अशोक, अर्जुन, नारियल, ब़ड (वट) का वृक्ष लगाएं.
4. संतान प्राप्त हेतु- पीपल, नीम, बिल्व, नागकेशर, गु़डहल, अश्वगन्धा को लगाएं.
5. मेधा वृद्धि प्राप्त हेतु- आँकडा, शंखपुष्पी, पलाश, ब्राह्मी, तुलसी लगाएं.
6. सुख प्राप्त के लिए- नीम, कदम्ब, धनी छायादार वृक्ष लगाएं.
7. आनन्द प्राप्त के लिए- हरसिंगार (पारिजात) रातरानी, मोगरा, गुलाब लगाएं.