पुरषोत्तम पात्र, गरियाबंद। छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले के सुपेबेड़ा में मौतों (death due to kidney disease in supebeda) का सिलसिला लगातार जारी है. किडनी की बीमारी से पीड़ित एक और महिला की मौत हो गई. मृतिका का नाम 56 वर्षीय ललिता है. गांव में ये किडनी की बीमारी से 82 वां मौत है. गांव में मातम का माहौल है.

दरअसल, किडनी बीमारी से पीड़ित लोगों के नाम से पहचाने जाने वाले गांव सुपेबेडा में आज फिर एक मौत हुई है. आज 57 वर्षीय ललिता के मौत के बाद से इस एक गांव में 2011 से किडनी की बीमारी से मरने वालों की संख्या बढ़कर 82 हो गई है.

2018 में इलाज के दरम्यान ललीता को किडनी की बीमारी का पता चला था. एक साल तक हीमोग्लोबिन डायलिसिस चला. दिसंबर 2021 से सरकार ने घर पर ही रहकर की जा सकने वाली पेरिटोनियल डायलसीस की सुविधा दिया था. पीड़िता को मिलने प्रभारी मंत्री अमरजीत भगत भी उनके घर तक गए थे.

25 से ज्यादा ग्रामीणों में मौजूद है लक्षण
बीमार लोगो के लिए पहले की तुलना में उपचार के अब बेहतर ब्यवस्था सरकार में की गई है. बीमार न हो उसके लिए कोई ठोस इंतजामात नहीं किए गए हैं. गांव में मौजूद कथित दूषित स्रोत से ग्रामीण पानी नहीं पीना चाहते. उनकी मांग है कि तेल नदी की पानी गांव तक पहुंचाया जाए.

जल जीवन मिशन के तहत इस योजना के लिए 12 करोड़ की मंजूरी मिल तो गई है, लेकिन टेंडर प्रक्रिया और नए एसओआर दर निर्धारण के बीच फंसे पेंच के कारण अब तक यह योजना धरातल में नहीं उतर सका है.

मौतों की चीख से सिसकता सुपेबेड़ा

सुपेबेड़ा मौतों की चीखों से सिसक रहा है. यहां मौत दबे पांव नहीं बल्कि पहले से बताकर आ रही है. बावजूद इसके लोगों को संभलने का मौका तक नहीं मिल पा रहा है. यहां किडनी की बीमारी से 82 लोगों की मौत हो गई है. सरकार के लाख कोशिशों के बावजूद मौतों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है.

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