लखनऊ. प्रदेश से सबसे बड़ी खबर आ रही है. कानून विभाग में बंपर बर्खास्तगी की गई है. 900 सरकारी वकील बर्खास्त किए गए हैं. इलाहाबाद हाईकोर्ट से लेकर राजधानी लखनऊ तक हाहाकार मच गया है. अपर महाधिवक्ता से लेकर ब्रीफ होल्डर तक बर्खास्त किए गए हैं. इलाहाबाद हाईकोर्ट और लखनऊ बेंच में बर्खास्तगी हुई है. बर्खास्तगी का आदेश तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है.

बता दें कि इलाहाबाद हाईकोर्ट और लखनऊ खंडपीठ के करीब 900 सरकारी वकील बर्खास्त किए गए हैं. बड़े पैमाने पर हुई सरकारी वकीलों की बर्खास्तगी के बाद अब नये वकीलों को मौका मिलेगा. आपको बता दें कि हर पांच साल पर सरकारी वकीलों को लेकर आदेश जारी होते हैं. कुछ सरकारी वकील हटाए जाते हैं, जिसके बाद नए लोगों को मौका मिलता है.  

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बता दें कि सरकारी वकील की नियुक्ति सरकार द्वारा की जाती है. केंद्र सरकार और राज्य सरकार दोनों में से कोई भी सरकार वकीलों की नियुक्ति कर सकती है. हालांकि, नियुक्ति कौन सरकार करेगी वो इस बात पर निर्भर होगी कि आप किस कोर्ट में वकालत करना चाहते हैं. हाई कोर्ट में सरकारी वकीलों की नियुक्ति, उस राज्य की सरकार और केंद्र सरकार द्वारा, उच्च न्यायालय से विचार और परामर्श करने के बाद किया जाता है.

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