प्रदेश के अन्नदाताओं में सरकार की नीतियों के खिलाफ भारी आक्रोश है. मंगलवार को बड़ी संख्या में किसान प्रदर्शन के लिए कलक्ट्रेट पहुंच गए. इस दौरान पुलिस ने किसानों को रोकने का प्रयास किया तो किसानों की पुलिस से खूब नोकझोंक और जमकर धक्का-मुक्की हुई. किसानों का कहना है कि सरकार जो वादा किया है, वह नहीं निभा रही है.

पश्चिमी यूपी के किसान योगी सरकार की नीतियों से नाराज हैं. भाकियू अराजनैतिक गुट के कार्यकर्ता मंगलवार को प्रदर्शन के लिए बिजनौर कलक्ट्रेट पर पहुंच गए. किसानों ने अधिकारियों को चेतावनी दी है कि नलकूप के बिजली मीटरों को उखाड़कर दफ्तर में भर देंगे. किसानों ने मुफ्त बिजली देने का सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप लगाया है. वहीं भाकियू ने 4 अगस्त को अधीक्षण अभियंता बिजनौर कार्यालय पर प्रदर्शन का निर्णय लिया है.

किसानों को मुफ्त बिजली देने की वादा खिलाफी का सरकार पर आरोप लगाते हुए किसानों ने नलकूपों पर लगाए गए मीटरों को उखाड़कर एससी कार्यालय पर भरने की घोषणा की है. ट्रैक्टर के साथ किसान पहुंचे, भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) गुट के किसान नेताओं ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा किसानों को मुफ्त बिजली देने की घोषणा की थी, लेकिन अब सरकार अपने वादे से पीछे हट रही है.

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उनका कहना है कि नलकूपों पर मनमाने ढंग से मीटर लगाने से उन्हें नुकसान है, बिजली बिल दोगुने आ रहे हैं. किसान अपने साथ नलकूपों से मीटर भी उखाड़कर लाए हैं. पुलिस किसानों को समझाने का प्रयास कर रही है. वहीं किसानों का कहना है कि बिजली अधिकारी उनकी मांगों को नहीं सुन रहे हैं. किसान बैरिकेडिंग तोड़कर कलेक्ट्रेट में पहुंचे किसानों ने 15 सूत्रीय मांगों के निदान को लेकर प्रदर्शन किया और धरना शुरू कर दिया.

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