रायपुर. 1 से 7 अगस्त तक जारी विश्व स्तनपान सप्ताह के उपलक्ष्य में श्री नारायणा हॉस्पिटल में इसी विषय पर एक सेमिनार का आयोजन किया गया. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि हॉस्पिटल की मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. मेघा खेमका थीं. कार्यक्रम में हॉस्पिटल की वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. विनया मायस्कर ने स्तनपान का मां और बच्चे को होने वाले फायदों के बारे में बताते हुए कहा कि मां का दूध नवजात शिशु को डायरिया, सर्दी-खांसी जैसी सामान्य बीमारियों से बचाता है.
डाॅ. विनया ने कहा, मां के दूध से बच्चे की रोग प्रतिरोधात्मक क्षमता बढ़ती है एवं यह बच्चे को मोटापे से भी बचाता है. इसी तरह मां को भी स्तनपान कराने से बहुत सारे फायदे हैं. जैसे मां का वजन जल्दी कम होता है, बच्चे से भावनात्मक लगाव बढ़ता है आदि. हॉस्पिटल की बाल्य एवं शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. अंकिता पटेल ने नवजात शिशुओं को जन्म के तुरंत बाद ही स्तनपान प्रारंभ करने पर जोर डाला. सही पोजीशन में उचित ढंग से बच्चे को फीडिंग कराने के उपाय बताए. नवजात शिशु को बोतल से दूध पिलाने से होने वाले नुकसान के बारे में बताते हुए कहा कि इससे बच्चे को बार-बार डायरिया एवं उल्टियां होने की संभावना रहती है, जिससे बच्चे की ग्रोथ पर असर पड़ता है.
स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. निकिता अग्रवाल ने किन परिस्थितियों में स्तनपान नहीं कराना चाहिए इस विषय पर सेमिनार में अपने विचार व्यक्त किए. उनके अनुसार स्तनपान हर बच्चे का जन्म सिद्ध अधिकार है. उन्होंने कहां कि हमारे प्रांत छत्तीसगढ़ में ह्यूमन ब्रेस्ट मिल्क बैंक स्थापित होने से यह नवजात शिशुओं के बेहतर स्वास्थ्य की ओर एक जागरूकता भरा कदम सिद्ध होगा. सेमिनार में श्री नारायणा हॉस्पिटल के लगभग 100 से ज्यादा नर्सेज एवं डॉक्टर सम्मिलित हुए.
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