मनोज उपाधयाय, मुरैना। मध्यप्रदेश के मुरैना जिले में पंचायत सचिव की लापरवाही के कारण 9 ग्रामीण खुद को जिंदा साबित करने के लिए दर-दर भटक रहे हैं। दरअसल, इन लोगों को सचिव ने सरकारी दस्तावेज में मृत घोषित कर दिया है, जिससे उनको सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा है। पीड़ितों ने जनपद से लेकर कलेक्टर और थाने में इसकी शिकायत की है।
मामला जिले की कैलारस जनपद पंचायत की ग्राम पंचायत उचांड का है। सचिव ने रामवीर धाकड़, देवेंद्र श्रीवास, दीपू , राहुल पचौरी, बनवारी, दुर्गेश जाटव, अमर सिंह, विवेक धाकड़, सौवरन जाटव और महादेवी बघेल को सरकारी दस्तावेजों में मृत घोषित कर दिया है। इनता ही नहीं इनमें से एक युवक का तो मृत्यु प्रमाण पत्र भी जारी हो गया, जबकि उसकी उम्र लगभग 20 वर्ष है।
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अब पीड़ित खुद को जिंदा साबित करने के लिए इस ऑफिस से उस ऑफिस भटक रहे हैं। पीड़ितों ने बताया कि उनको सचिव ने सरकारी दस्तावेज में मृत घोषित किया है। जब सचिव के पास गए तो उसने धमकी देते हुए भगा दिया। सचिव कहता है जहां शिकायत करना है करों, मेरा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता। पीड़ितों का कहना है कि सरकारी रिकॉर्ड में उनको मृत घोषित करने पर वो शासकीय योजनाओं के लाभ से वंचित हो गए हैं। अधिकारियों से शिकायत दर्ज कराई है, लेकिन अभी तक आश्वासन ही मिला है।
वहीं जब इस मामले में सचिव से बात की गई तो सचिव ने सफाई देते हुए कहा कि किसी ने पासवर्ड चोरी कर यह कृत्य किया है। हालांकि आगे सचिव इस मामले में कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया।
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