रायपुर. छत्तीसगढ़ चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने कहा है कि नया रायपुर में वेदान्ता कैंसर रिसर्च अस्पताल के लिए बालको वेदान्ता को 50 एकड़ जमीन मात्र 1 रूपए प्रति वर्गफुट की टोकन राशि पर दी गई. लेकिन बाद में एक नाटकीय घटनाक्रम में पेनाल्टी वसूलकर वेदान्ता अस्पताल में गरीबों को मिलने वाली सुविधा से वंचित कर प्रदेश की रमन सरकार ने महज 34 करोड़ में गरीबों के हक पर डाका डाला है.
महंत ने कहा है कि वेदान्ता को कैंसर अस्पताल बनाने राज्य सरकार द्वारा बालको वेदान्ता को जमीन इस शर्त के साथ उपलब्ध कराई गई है कि यहां गरीबों का ईलाज मुफ्त में किया जाना है. वेदान्ता प्रबंधन जिससे कि उसके अधीनस्थ कार्यरत मजदूर, श्रमिक वर्ग रुष्ट हैं. इससे एक नाटकीय घटनाक्रम के तहत विलंब का बहाना देकर 34 करोड़ की पेनाल्टी भाजपा की रमन सरकार के द्वारा ठोकी गई. उसके अगले दिन इस अस्पताल का लोकार्पण कर दिया गया.
महंत का आरोप है कि मुख्यमंत्री ने ये जानकर भी इस अस्पताल का लोकार्पण कर दिया कि अब इस अस्पताल में गरीबों को मुफ्त ईलाज की सुविधा नहीं होगी. डॉ. महंत ने कहा है कि बालको से किए गए समझौते में मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने गरीबों के हक पर डाका डाला है. सरकार और इसके मुखिया को यह बताना चाहिए कि वेदान्ता कैंसर अस्पताल में गरीबों का ईलाज मुफ्त में होगा या नहीं? आखिर ऐसी क्या वजह रही कि गरीबों का हक 34 करोड़ में बेच दिया गया?
डॉ. महंत ने आरोप लगाया कि भाजपा की यह सरकार शुरू से ही गरीबों, किसानों, मजदूरों की विरोधी रही है और हमेशा से ही उद्योगपतियों, पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने वाले निर्णय लेती रही है. वेदान्ता कैंसर रिसर्च अस्पताल के मामले में एक बार फिर भाजपा सरकार का गरीब विरोधी चेहरा उजागर हुआ है. महंत ने कहा कि लगातार प्रदेश की भाजपा सरकार बालको की मनमानी व श्रमिक विरोधी निर्णयों पर कवच का कार्य कर रही है और वेदान्ता को मनमानी करने की छूट दे रही है. भाजपा की सरकार ने पहले कौड़ियों के दाम बालको को अनिल अग्रवाल के हाथ 551 करोड़ में बेच दिया. अब प्रदेश की बीजेपी की सरकार ने गरीबों के हक पर डाका डालते हुए 50 एकड़ जमीन फिर एक बार कौडिय़ों के दाम बेच दिया है.