सुशील सलाम, कांकेर। छत्तीसगढ़ सरकार से मिले प्रोत्साहन के बाद जिले की महिला समूह ने बीते साल गोबर से राखियां बनाई थी. गोबर से बनी राखियां को मिली सराहना के बाद अब महिला समूह ने एक कदम आगे बढ़ाते हुए अन्न के बीजों से राखियां तैयार की है, जो हाथों-हाथ बिक रही हैं.

ग्राम दसपुर में महामाया स्व-सहायता समूह की महिलाओं ने बीता साल गोबर व अन्य चीजों से राखियां तैयार की थी, जिसे आकर्षक बनाने के लिए स्टोन लगाया गया था. लेकिन इस वर्ष तैयार की गई रखियों में स्टोन लगाने की जरूरत ही नहीं पड़ी. महामाया महिला समूह की महिलाओं ने इस वर्ष मटर, कुल्थी, मक्का, मसूर, धान, चावल, सीताफल एवं मयूर पंख समेत अन्य बीजों से आकर्षक राखियां तैयार की है.

स्व-सहायता समूह की महिलाओं का कहना है कि उनके द्वारा बनाई गई राखियों को बेचने के लिए कांकेर के सी-मार्ट समेत कलेक्ट्रेट परिसर में स्थान मिला है, इससे राखियां हाथों-हाथ बिक रही हैं. महिलाओं ने बताया कि गत वर्ष बनाई गई राखियो से करीब 5 से 10 हजार रुपये तक का लाभ हुआ था, लेकिन इस वर्ष अभी तक 10 हजार रुपए से अधिक का लाभ हो चुका है. अगले दो दिनों में होने वाली बिक्री से आय में और बढ़ोतरी की उम्मीद है.

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