सुरेंद्र जैन, धरसीवां. विधानसभा के मोहरेंगा शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के नामकरण पर सियासत गरमाई हुई है. जिसकी वजह से देश का भविष्य कहे जाने वाले विद्यार्थियों का शैक्षणिक कार्य चौपट है. नामकरण के विरोध को लेकर बीते 3 दिनों से धरना प्रदर्शन जारी है. चक्काजाम में छात्र-छात्राओं की भी मौजूदगी बताई जा रही है तो वहीं पड़ोसी गांवों के छात्र-छात्राओं को विद्यालय जाने से रोकने की बाते भी सामने आ रही है.

बता दें कि, छात्र-छात्राओं को स्कूल जाने से रोकने के साथ अभद्र बर्ताव कर स्कूल में ताला लगा दिया गया है. जिसको लेकर बुधवार को खरोरा टीआई को ज्ञापन सौंपा है. इन छात्र-छात्राओं ने ज्ञापन में कहा है कि, उन्हें पढ़ना है. लेकिन जब वह स्कूल गए तो उन्हें रोककर अभद्र बर्ताव किया गया.

दरअसल, 2 अगस्त को क्षेत्रीय विधायक की मांग पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कॉलेज उद्घाटन के समय मोहरेंगा स्कूल का नाम स्वर्गीय मण्डलदास गिलहरे के नाम पर करने की घोषणा की है. मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद से ही दिवंगत कांग्रेस नेता के नाम पर नामकरण को लेकर सियासत गरमाने लगी और सोमवार से नामकरण के विरोध में धरना प्रदर्शन चक्काजाम शुरू हो गया, जिसमें भाजपा नेता खुलकर विरोध में सामने आए हैं.

वहीं सतनामी समाज भी नामकरण के समर्थन में आगे आई, लेकिन इन सब सियासत के बीच विद्यार्थियों की पढ़ाई की किसी को चिंता नहीं है. नामकरण की राजनीति के बीच पिसते भविष्य को लेकर जिम्मेदार अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को लेकर सरकार का अब तक ढुलमुल रवैया समझ से परे है. जो कई सवाल खड़े कर रहा है.