लखनऊ. 2024 में आगामी लोकसभा चुनाव होना है, लेकिन पीएम फेस को लेकर विरोधी खेमे में सियासी चर्चा इन दिनों सुर्खियों में है. बिहार में सत्ता परिवर्तन और नीतीश कुमार का मोदी के खिलाफ सशक्त चेहरे के रूप में सामने आना इसके पीछे की मूल वजह है. बिहार में सियासी खेल होते ही न केवल जेडीयू नेताओं ने बल्कि मीडिया ने भी नीतीश कुमार का नाम पीएम पद के लिए उछाल दिया है. उसके बाद विपक्षी एकता के लिए करीब डेढ़ साल से प्रयासरत ममता बनर्जी के नाम को टीएमसी नेताओं ने उछाल दिया है. ऐसे में यूपी पीछे रहे ये कैसे हो सकता है. सपा सांसद एसटी हसन ने दावा किया कि 2024 में पीएम पद के लिए अखिलेश यादव परफेक्ट उम्मीदवार हैं.

एसटी हसन ने कहा कि अभी अखिलेश यादव पीएम पद के लिए प्रीमेच्योर हैं. बाद में उन्होंने कहा कि अगर सपा के सांसदों की तादात ज्यादा हुई तो अखिलेश यादव में कोई कमी नहीं है. वह भी प्रधानमंत्री पद के लिए एक परफेक्ट कैंडिडेट हैं. उन्होंने कहा कि अगर सपा के 70 से 80 सांसद जीते तो अखिलेश यादव का पीएम पद के लिए हक बनता है, लेकिन इसके लिए विपक्ष की एकता को नहीं तोड़ा जा सकता. एसटी हसन ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि सभी दलों के नेता एकजुट होकर चुनाव लड़ेगा. लोकसभा चुनाव के बाद सभी सांसद तय करेंगे कि प्रधानमंत्री कौन बनेगा.

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हसन में बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने पर कहा कि देश में बेईमानी से दूसरी सरकारें बनाई जा रही हैं. बिहार में भी ऐसा ही होने वाला था. नीतीश कुमार के विधायकों को दाना डाला जा रहा था. जैसा महाराष्ट्र में हुआ कुछ वैसा वहां भी यही होने जा रहा था. फिलहाल, वहां जो कुछ हुआ बहुत अच्छा हुआ. जेडीयू और आरजेडी ने भाजपा को सबक सिखाने का काम किया है.