पुरषोत्तम पात्र, गरियाबंद। एक बार फिर LALLURAM.COM की खबर का बड़ा असर हुआ है. बीते 8 अगस्त को लल्लूराम डॉट कॉम ने राजिम के त्रिवेणी संगम में करोड़ों रुपये की लागत से बने पुल को लेकर एक खबर चलाई थी. जिसके बाद प्रशासन हरकत में आ गया है. जल प्रबंध उपसंभाग क्रमांक-3 के अनुविभाग अधिकारी के कार्यालय ने आदेश जारी करते हुए राजिम सस्पेंशन ब्रिज के नियमित संधारण (मरम्मत) का काम करने को कहा है.

दरअसल, राजिम में स्थित भगवान कुलेश्वर महादेव मंदिर जाने के लिए सिंचाई संभाग ने सस्पेंशन ब्रिज का निर्माण कराया है. इस बीच लक्ष्मण झूले से आवाजाही का कुछ वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ. जिसमें स्पष्ट देखा जा सकता है कि झूले में आवाजाही कर रहे लोग दाएं बांए हिलते-डुलते दिख रहे हैं. इतना ही नहीं कुछ तो झूले के किनारे बने रेलिंग को थामकर चल रहे हैं. अंतिम सावन सोमवार को कुलेश्वर नाथ के दर्शन के लिए 4 से 5 हजार लोग मंदिर पहुंचे थे. जिसके बाद डोल रहे लक्ष्मण झूले की जांच करने की मांग भी उठी. इस खबर को LALLURAM.COM ने प्रमुखता से उठाया. जिसके बाद अब इसकी मरम्मत कार्य का आदेश जारी कर दिया गया है.

33.12 करोड़ लागत से बना है लक्ष्मण झूला

610 मीटर लंबी और 3.25 मीटर चौड़ी इस लक्ष्मण झूले को लागत 33.12करोड़ है. सिंचाई संभाग रायपुर द्वारा इसे बनवाया गया है. सीएम भूपश बघेल ने 1 मार्च 2022 को इसका लोकापर्ण किया था.

गुणवत्ता पर शुरू से ही सवाल उठाया जा रहा

झूला के निर्माण के समय से ही इसकी गुणवत्ता पर बार बार सवाल उठाया जा रहा था. निर्माण के समय झूले के आर्च को बनाने और बिठाने में भारी अनियमितता बरती गई थी. गोलाई कार आर्च का जब आकार बिगड़ा तो अनुपात से ज्यादा रॉड वेल्डिंग कर कई किलो एक्स्ट्रा वजन भी बढ़ा दिया गया था.

काम देखने आए मंत्रियों की फटकार भी खानी पड़ी थी. अफसरों को निर्माण कार्य की देख रेख के लिए राजिम विधायक अमितेष शुक्ला ने तो अपने कार्यकर्ताओं की एक निगरानी कमेटी तक गठित कर दी थी, लेकिन कुछ खास हो नहीं सका.

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