सत्यपाल राजपूत, रायपुर. अवैध निर्माण के नियमितीकरण के लिए लोगों को प्रेरित करना उन लोगों को हैरान और परेशान कर रहा है जो नियम पूर्वक नक्शा पास करा चुके हैं, साथ ही अपनी प्रॉपर्टी का नियमितीकरण भी करा चुके हैं. क्योंकि नगर पालिका निगम रायपुर ने अवैध निर्माण के नियमितीकरण के लिए लोगों के घरों में नोटिस भेजना शुरू कर दिया है. जिन-जिन लोगों ने नक्शा पास कराया है, उन्हें नोटिस भेजकर अतिरिक्त निर्माण को नियमित कराने के लिए कहा जा रहा है. इससे लोगों में हड़कंप मचा हुआ है. क्योंकि नोटिस भेजने के पहले ये भी चेक नहीं किया जा रहा है कि निर्माण वैध है या अवैध, नक्शा पास है या नहीं? यानी हर किसी को नोटिस भेजा जा रहा है. अचानक नगर निगम का नोटिस मिलने से लोग हैरान हो रहे हैं. लोगों का कहना है कि नक्शा पास कराने के बाद भी उनके घर नोटिस क्यों भेजा जा रहा है?
दरअसल, नोटिस भेजकर नगर निगम ज्यादा से ज्यादा लोगों को नियमितीकरण के लिए प्रेरित कर रहा है. नियमितीकरण से मिलने वाले पैसे का 25 प्रतिशत नगर निगम को मिलना तय हुआ है. इसी वजह से इस पर फोकस बढ़ा दिया गया है.
ये है नोटिस भेजने की वजह
निगम ने बल्क में नोटिस प्रिंट करना शुरू कर दिया है. 2016 में नियमितीकरण के दौरान जितना भी शुल्क मिला था, पूरा राज्य शासन के पास जमा करा दिया गया था. नगर निगम को एक पैसा नहीं मिला था. नियमितीकरण कानून-2022 में अवैध निर्माण को वैध करने से मिलने वाले शुल्क का एक चौथाई हिस्सा नगर निगम को मिलेगा. मुख्यमंत्री की इस घोषणा के बाद नियमितीकरण के बाद निगम को भी बड़ी रकम मिलने के आसार हैं. निगम की आर्थिक स्थिति पहले से ही खराब है. शहर में बने ज्यादातर निर्माण में कहीं ना कहीं नियमों का उल्लंघन किया गया है. ये सभी अवैध माने जाएंगे. नक्शा स्वीकृत कराने के बाद भी निर्माण में कुछ ना कुछ अंतर आ ही जाता है. नियमों के मुताबिक यह अवैध निर्माण माना जाता है. तर्क दिया जाता है कि निर्माण स्वीकृत नक्शे के विपरीत है.
भेजे जाएंगे 5000 नोटिस
विभागीय अधिकारियों का कहना है कि टाउन प्लानिंग नियमों के मुताबिक भवन निर्माण अनुज्ञा (building permit) और नक्शा पास करने का एक तय नियम है. इसके मुताबिक ही नक्शा बनाकर प्रस्तुत करना पड़ता है और उसी स्वीकृत नक्शे के अनुसार निर्माण करना पड़ता है. इससे अलग निर्माण होने पर वह अवैध होता है. जानकारों का कहना है कि शहर में ऐसा कोई भी मकान नहीं है, जिसकी जांच करने पर वह शत-प्रतिशत सही हो. कहीं ना कहीं नियमों की अवहेलना की गई है. इसके पीछे तर्क भी है, कि जो नियम है उसके अनुसार निर्माण करना लोगों के लिए मुश्किल है. FAR तय करता है कि भवन या किसी स्ट्रक्चर का निर्माण वैध या अवैध. जानकारी के मुताबिक अब तक फिलहाल 1500 नोटिस भेजा जा चुका है. हफ्तेभर में 5 हजार नोटिस भेजा जाएगा.
FAR के आधार पर होता है निर्माण का निर्धारण
महापौर एजाज ढेबर का कहना है कि अवैध निर्माणों के नियमितीकरण कानून के तहत सभी को अपने निर्माणों को वैध करने का मौका है. रिहायशी निर्माणों में बहुत ज्यादा शुल्क नहीं है. इसलिए लोगों के निर्माण में किसी भी तरह के नियमों की अवहेलना है तो वे कानून का फायदा उठाकर उसे वैध करा सकते हैं. इसके लिए नक्शा स्वीकृत कराने के लिए सबसे पहले FAR का निर्धारण किया जाता है. यह किसी जमीन में अधिकतम निर्माण का मानक है. शहर में FAR न्यूनतम 1.25 से 2.5 है.
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