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लक्ष्मीकांत बंसोड़, बालोद। बालोद जिला में एक ऐसा गांव भी है, जिसकी पहचान सैनिक ग्राम के तौर होती है. वैसे तो जिले में बहुत से गांव ऐसे हैं, जहां के वीर सपूत देश सेवा में अपनी जान देने को तैयार हैं, लेकिन नेवारी खुर्द ही एक ऐसा गांव है, जहां हर दूसरे घर में एक सैनिक है. जहां के युवा सैनिक के तौर पर अलग-अलग सीमा क्षेत्रों में देश की रक्षा कर रहे हैं.
जिला मुख्यालय से महज 8 किमी दूर स्थित नेवारी खुर्द में 170 परिवार के लोग जीवनयापन करते हैं, जिनकी आबादी लगभग 800 के करीब है. गांव के 130 से भी ज्यादा परिवार के लोग प्रशासनिक सेवा में कार्यरत हैं. वहीं ग्राम के 60 से ज्यादा युवा सैनिक बनकर देश की सेवा में जुटे हुए हैं, जो देश के प्रति युवाओं और ग्रामीणों की सोच को दर्शाता है. गांव के अधिकांश युवा तांदुला नदी के तट पर रेत पर कड़ी मेहनत कर सैनिक बने हैं. यही नहीं कई सैनिकों ने देश के लिए अपने प्राण न्यौछावर किए हैं.
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ग्रामीणों को अपने बहादुर सपूतों पर गर्व
नेवारी खुर्द के रहवासी राजेंद्र निषाद बताते हैं कि गांव में 60 से ज्यादा सपूत सैनिक के तौर पर देश के अलग-अलग हिस्सों में अपनी सेवा दे रहे हैं. ऐसे सैनिकों पर परिवार के साथ-साथ गांव भी गौरव करते हैं. गांव में सैनिकों के अलावा भी अनेक लोग प्रशासनिक सेवा में संलग्न हैं. गांव के 25 से ज्यादा लोग शिक्षक हैं. 4 से 5 लोग पटवारी पद पर कार्यरत हैं, और रेलवे विभाग में भी 4 से ज्यादा लोग कार्यरत हैं. इसके अलावा बीएसपी में गांव के 25 से ज्यादा लोग कार्यरत हैं, जो गांव के लिए गौरव का विषय है.
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