अमृतांशी जोशी, भोपाल। मध्यप्रदेश में बीते से दिनों जारी बारिश के कारण नदी नाले उफान पर है। प्रदेश के सभी प्रमुख बांधों के गेट खोल दिए गए हैं जिससे नदियों का जलस्तर भी बढ़ गया है। पुल-पुलियों के ऊपर से पानी बह रहा है। अधिकतर शहर और गांव जलमग्न हैं। जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया है। एसडीआरएफ की टीम बचाव और राहत में जुटी है। इस बीच सीएम शिवराज ने आज विभिन्न जिलों के हालात की समीक्षा की।
सभी जिलों के कलेक्टर और संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने अतिवृष्टि से उत्पन्न विपरीत परिस्थितियों की समीक्षा की। एनआईसी नर्मदापुरम से अतिवृष्टि और बाढ़ नियंत्रण के संबंध में वर्चुअली बैठक की। बैठक में प्रदेश के समस्त जिला प्रशासन और संबंधित विभागों से चर्चा की। बैठक में संबंधित अधिकारियों और एसीएस (ACS) सीएम को जानकारी दी। सीएम ने अधिकारियों को जरूरी दिशा निर्देश दिए।
सीएम ने कहा कि जिन गर्भवती महिलाओं की डिलीवरी अगले 2-4 दिनों में ड्यू है, उन्हें अस्पतालों में शिफ्ट करने का काम करें। रायसेन कलेक्टर ध्यान रखें कि बारना के ऊपर बरगी का पानी जाने से इफेक्ट पड़ेगा। एक एसडीआरएफ (SDRF) की टीम राजगढ़ भेजें। हमने बुद्धिमत्ता के साथ पानी डिस्चार्ज करने का प्रबंधन किया।
Read More: MP में बारिश का अलर्टः भोपाल का बड़ा तालाब लबालब, गर्भवती महिला समेत सैकड़ों लोगों का किया रेस्क्यू, कलियासोत, भदभदा और केरवा डैम के गेट खोले, NDRF-SDRF टीम तैनात
साइंटिफिक डिजास्टर मैनेजमेंट में मध्यप्रदेश देश में उदाहरण बनना चाहिए। हम बांधों की मॉनिटरिंग रोज करें।19 से 23 अगस्त तक भी हमारी सभी टीमें तैयार रखें। मौसम के पूर्वानुमान हमेशा एक्यूरेट नहीं होते, इसलिए तैयारी रखें। भोपाल के प्रमुख डैम से डिस्चार्ज कम हो रहा है। विदिशा में अब आगे समस्या होने की संभावनाएं कम है।
Read more- Health Ministry Deploys an Expert Team to Kerala to Take Stock of Zika Virus
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
- खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- मनोरंजन की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक