रायपुर. राज्यसभा सांसद रामविचार नेताम ने राज्यसभा में चिरमिरी-बरवाडीह रेल परियोजना विषय पर जानकारी मांगी. उन्होंने अतारांकित सवाल के ज़रिए परियोजना की मौजूदा स्थिति की जानकारी ली. इस पर सरकार ने बताया कि परियोजना के लिए रेलवे ने राज्य सराकर से ज़मीन हासिल करने और कोल इंडिया से पैसे के लिए पहल की थी. लेकिन दोनों की ओर से कोई जवाब न मिलने  की वजह से काम अटका था. अभी यह परियोजना स्वीकृत नहीं हुई है.

नेताम ने सरकार से पांच बिंदुओं पर जवाब मांगा. जिसमें सर्वे से लेकर इस परियोजना में देरी के सवाल को उठाया गया था. रेल राज्यमंत्री राजेन गोहांई ने बताया कि साल 2010-11 में 1104 करोड़ की लागत से सर्वे का काम किया गया था.

राज्य सरकार और कोल इंडिया के जवाब न देने से परियोजना ठप्प पड़ गई- केंद्र सरकार

इसके बाद इस परियोजना पर इस शर्त के साथ अनुमति प्रदान की गई कि राज्य सरकार परियोजना के लिए मुफ्त में ज़मीन उपलब्ध कराएगी. रेलवे ने राज्य सरकार से कहा था कि कोल इंडिया से निवेश योग्य सरप्लस है लिहाज़ा राज्य सरकार कोल इंडिया से अनुरोध करके संयुक्त रुप से इसे विकसित करने का आग्रह करे. केंद्र सरकार ने बताया कि इसका जवाब न तो राज्य सरकार ने दिया न ही कोल इंडिया ने. जिसके चलते परियोजना ठप्प हो गई.

सरकार की ओर से बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार और रेलवे का संयुक्त उपक्रम छत्तीसगढ़ रेलवे निगम लिमिटेड भावी परियोजना के लिए चिन्हित किया है. सरकार की ओर से बताया गया कि इस रेल लाइन से कैसे लाभ कमाया जाए और परियोजना को व्यवहारिक रुप से अमली जामा पहनाया जाए. इस पर एक कंसलटेंट नियुक्त करने के लिए एक फर्म को ठेका दिया गया है.

इस मसले पर राज्यसभा सांसद रामविचार नेताम ने कहा कि परियोजना की स्वीकृति की प्रक्रिया होती है. उन प्रक्रियाओं के बाद सरकार उसका बजट अलॉट करती है.