अमित कोड़ले, बैतूल (आमला)। मध्यप्रदेश के बैतूल जिले में दिल को झकझोर देने वाली तस्वीर सामने आई है। आमला ब्लॉक के आदिवासी ग्राम पाचनजोत में
पक्की सड़क नहीं होने से ग्रामीणों को लकड़ी के सहारे कपड़े की झोली में गर्भवती महिला को लिटाकर एंबुलेंस तक लाना पड़ा। इसका वीडियो भी सामने आया है।

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दरअसल, आमला ब्लॉक के आदिवासी ग्राम पाचनजोत में मुख्य मार्ग तक सड़क नहीं है। साथ ही रास्ते पर पड़ने वाले नदी-नाले पुलियाविहिन है। इस कारण बीमार पड़ने पर एंबुलेंस भी गांव तक नहीं पहुंच पाती है। बारिश के दिनों में मुश्किलें और बढ़ जाती हैं। बीमार या गर्भवती महिलाओं को खाट पर लिटाकर ले जाना पड़ता है। आज जब सुकरती बैठेकर नाम की महिला को प्रसव पीड़ा हुई तो परिजनों ने जननी एक्सप्रेस को फोन किया, लेकिन रास्ता खराब होने से एंबुलेंस गांव तक नहीं पहुंच सकी। जिससे ग्रामीणों ने गर्भवती को कपड़े और बांस की बल्लियों के सहारे करीब 4 किमी पैदल चलने के बाद मुख्य सड़क और फिर एक वाहन से सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र आमला पहुंचाया। लेकिन यहां भी गर्भवती की परेशानी कम नहीं हुई। उसे जिला मुख्यालय रेफर कर दिया गया। लेकिन परिजन उसे नागपुर ले गए, जहां महिला ने एक बच्चे को जन्म दिया। बताया जा रहा है कि बच्चा तो स्वस्थ है, लेकिन महिला की स्थिति गंभीर बनी हुई है।

ग्रामीणों ने बताया कि गांव से मुख्य मार्ग तक पक्की सड़क नहीं बनी है, जिससे उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। कई बार सड़क बनाने के लिए अधिकारी और नेताओं को आवेदन दिए, लेकिन कोई ध्यान नहीं दे रहा है। नेता सिर्फ वोट मांगने आते हैं। उनके बाद वह गांव कभी नहीं आते।

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