रायपुर.  2 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट के अनुसूचित जाति-जनजाति अत्याचार निरोधक कानून को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आए फैसले के खिलाफ आदिवासी और दलित समुदाय पूरे देश में बंद का आयोजन कर रहा है. छत्तीसगढ़ में भी बंद रखा जाएगा. अब इस बंद को पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यकों का भी साथ मिल गया है. 

बंद की रणनीति बनाने के लिए रायपुर समेत प्रदेश में 13 ज़िलों में बैठकें रखी गईं. रायपुर में कुल 15 जिलों के पदाधिकारी शामिल हुए. बैठक में सर्व सम्मति से निर्णय लिया गया कि सम्पूर्ण छतीसगढ़ में संयुक्त मोर्चा छतीसगढ़ के बैनर पर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री को ज्ञापन सौंपा जायेगा. भारत बन्द को पिछड़ा वर्ग के अनेक सामाजिक संगठनों ने समर्थन किया है. जिसमें साहू समाज, यादव समाज, कुर्मी समाज, सेन समाज, देवांगन समाज, कुशवाहा समाज शामिल हैं.

बैठक में आदिवासी शासकीय सेवक संघ के अध्य़क्ष आर एन ध्रुव ने बताया कि आदिवासी समाज के सभी अधिकारी-कर्मचारी सभी 2 अप्रैल 2018 को एक दिन का आकस्मिक अवकाश लेकर बन्द को सहयोग करेंगे. इसी तरह अज्जाक्स के प्रदेशाध्यक्ष एसएल सोनवानी ने भी बताया कि अज्जाक्स के अधिकारी-कर्मचारी एक दिन का अवकाश लेंगे.

भारत बन्द को सफल बनाने के लिये प्रदेश के सभी राष्ट्रीय राजमार्गों के आस-पास के गांवों में रहने वाले आंदोलनकारी सड़कों पर निकलेंगे. बैनर तख्तियां लेकर आंदोलन को सफल बनाएंगे.

बैठक में प्रदेश स्तरीय एक कोर कमेटी का गठन किया गया छतीसगढ़ के बन्द को कांग्रेस पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, सीपीआई-एम, सीपीआई, सीपीआई-एमएल और आम आदमी पार्टी ने समर्थन दिया है. बैठक में इन पार्टियों को धन्यवाद दिया गया.