भोपाल। मध्यप्रदेश में लगातार भारी बारिश हो रही है. बाढ़ के हालात हैं. राजधानी भोपाल समेत कई जिले पानी-पानी हो गए हैं. सड़कें नदी का रूप ले चुकीं हैं. लोग बाढ़ में फंसे हुए हैं. जिन्हें रेस्क्यू कर बाहर निकाला जा रहा है. भोपाल में थमी बारिश के बीच अब स्थिति कुछ सामान्य हो रही है. पानी में डूबे क्रूज़ को निकालने का काम शुरू किया जाएगा. जिन जिलों में लोग फंसे हैं, उन्हें निकालने का काम तेज किया जाएगा. सीएम हाउस में अतिवृष्टि को लेकर बैठक हुई. विदिशा ज़िले को लेकर भी चर्चा की गई.
- मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ज़िलों में चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन तेज करने के निर्देश दिए हैं.
- रेस्क्यू से निकाले गए लोगों की समुचित व्यवस्थाओं के निर्देश दिए गए हैं.
- राहत कैंप में भोजन इत्यादि की व्यवस्थाओं के निर्देश.
- अति वृष्टि या प्रभावित स्थानों में फंसे लोगों को फूड पैकेट बांटने के निर्देश.
- विदिशा में पेयजल की व्यवस्था को दुरुस्त करने के निर्देश.
- मुख्यमंत्री ने गुना जिला प्रशासन और ग्वालियर कमिश्नर से फोन पर जानकारी ली.
- सीएम ने भोपाल में अतिवृष्टि से हुए बिजली के मेजर फॉल्ट से हुए नुकसान को तेजी से ठीक करने के निर्देश दिए.
- चंबल, पार्वती और सिंध नदी में पानी के बढ़ रहे संभावित स्तर को लेकर भिंड, मुरैना, श्योपुर को सतर्क रहने के निर्देश दिए.
प्रदेश में भारी बारिश के चलते बने बाढ़ के हालातों को लेकर गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बयान दिया है. उन्होंने कहा कि 16 मार्ग बंद हैं. गुना, श्योपुर जिले में कुछ गांव में पानी भरा हुआ है. विदिशा की 4 तहसील भारी बारिश से प्रभावित हुई हैं. 100 गांव प्रभावित हैं. सीहोर के कुछ गांव भी प्रभावित हुए हैं. ब्यावरा, भोपाल में भी रेस्क्यू ऑपरेशन चला है. 5 रेडी टू मूव टीम रिजर्व रखी हैं. 3 हेलीकॉप्टर रेस्क्यू के लिए रखे हैं. एसडीआरएफ, एनडीआरएफ की टीम सभी प्रभावित क्षेत्रों में मौजूद हैं. 385 फीडर भोपाल में कल खराब हुए थे. इनमें से अभी भी 30 फीडर बंद हैं, जो जल्द ठीक होंगे.
भोपाल में बारिश के बाद सड़कों का हाल बेहाल हो गया है. बारिश के चलते भोपाल की सड़कें बह गईं हैं. तेज़ हवा और बारिश के चलते कई जगहों की सड़क उखड़ गई है. भरे पानी और घटनाओं के बीच लोग परेशान हो रहे है. सड़के उखड़ने के कारण कई जगहों पर हादसे हो रहे हैं. हालांकि भोपाल में थमी बारिश के बीच अब स्थिति सामान्य हो रही है. तालाब में तेज उठती हुई लहरें अब थम गई हैं. बारिश के बाद कई जगहों पर तबाही देखने को मिली है. अलर्ट के बाद भी शीतलदास की बगिया पर पानी में लोग नहाते दिखे. प्रशासन की ओर से कोई भी रोकने टोकने के लिए मौजूद नहीं हैं. आज बोट क्लब पर बोटिंग प्रतिबंधित रहेगी.
भोपाल में डूबे क्रूज़ को निकालने का काम शुरू किया जाएगा. मंत्री विश्वास सारंग और महापौर मालती राय बोट क्लब पहुंचे. भोपाल में स्थिति पर नज़र बनाए हुए हैं. कल तेज़ बारिश के चलते भोपाल की शान लेक प्रिंसेस डूब गई थी. क्रूज के साथ कई और बोट भी पानी में डूबे हैं.
विदिशा जिले में पिछले 48 घंटों से हो रही बारिश के कारण लगभग 100 गांव बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं. जिला कलेक्टर उमाशंकर भार्गव ने जिले की समस्त टीमों को हालातों पर नजर बनाए रखने के आदेश दिए हैं. जिन क्षेत्रों में लोग परेशान हैं. जिन गांव में पानी भर गया है, वहां पर लोगों को रेस्क्यू कर लगातार बाहर निकाला जा रहा है. प्रशासन द्वारा बनाए गए राहत शिविरों में सुरक्षित पहुंचाया जा रहा है. इसी क्रम में विदिशा के कई निचले इलाके ऐसे हैं, जहां पर भारी तबाही देखने को मिली है.
कल से ही प्रशासन की टीमें लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन कर रही हैं. आज सुबह से ही कई लोगों को जिले की एसडीआरएफ टीम द्वारा सुरक्षित बाहर निकाला गया है. विदिशा के 9 लक्की क्षेत्र में फंसे एक बच्चे को सुरक्षित बाहर निकाला गया है. इसके साथ ही बेतवा नदी के पास महल घाट पर फंसे पुजारी को भी रेस्क्यू टीम द्वारा सुरक्षित निकाल लिया गया है. इसके अलावा निचली बस्ती में रहने वाली एक महिला को भी रेस्क्यू टीम ने सुरक्षित निकाला.
रतलाम जिले के जावरा के नया माली पुरा रपट मंदिर के ऊपर 3 लोग फंस गए. इसमें एक बालिक, एक महिला पुरुष मंदिर के ऊपर छत पर बैठे थे. प्रशासन ने रेस्क्यू कर उन्हें नीचे उतरा. होटल के सामान को समेटने के दौरान वो फंस गए थे. तीनों को सकुशल बाहर निकाल लिया गया है.
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