लखनऊ. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लंपी स्किन डिजीज (एलएसडी) के बढ़ते मामलों को देखते हुए स्थिति सामान्य होने तक सभी पशु मेलों को स्थगित करने का आदेश दिया है. मवेशियों को एलएसडी से बचाने के लिए विशेष टीकाकरण अभियान भी चलाया जाएगा.

राज्य सरकार के सूत्रों ने कहा कि मुख्यमंत्री अब से ऐसे मामलों की बारीकी से निगरानी करेंगे और निकट भविष्य में ऐसे मामलों की समीक्षा करने की संभावना है. मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने मंगलवार को कहा कि चूंकि अन्य राज्यों में वायरस के कारण कई मवेशियों की मौत हो गई है, इसलिए उत्तर प्रदेश को वायरस के प्रसार को रोकने के लिए मिशन मोड में काम करना होगा. उन्होंने कहा, “अगली सूचना तक मवेशियों के अंतरराज्यीय परिवहन को तुरंत रोक दिया जाना चाहिए. मवेशियों को पालने वालों को इस वायरस के लक्षणों और उपचार के बारे में सूचित किया जाना चाहिए. गौशालाओं में लोगों के अनावश्यक प्रवेश को भी तुरंत रोका जाना चाहिए.”

वैक्सीन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए पशुपालन विभाग को केंद्र के साथ समन्वय करने को कहा गया है. योगी ने कहा कि चूंकि वायरस मक्खियों और मच्छरों से फैलता है, इसलिए शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में उचित स्वच्छता सुनिश्चित करने के लिए ग्रामीण और शहरी विकास और पशुपालन विभागों को मिलकर काम करना चाहिए. यदि किसी भी संक्रमित मवेशी की मृत्यु हो जाती है, तो उसका चिकित्सा प्रोटोकॉल के अनुसार अंतिम संस्कार किया जाना चाहिए.

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अतिरिक्त मुख्य सचिव पशुपालन एवं डेयरी विकास रजनीश दुबे ने कहा कि प्रभावित जिलों में समर्पित पशु चिकित्सा केंद्र स्थापित करने के आदेश जारी कर दिए गए हैं. पशुपालन निदेशालय में एक नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है, जो चौबीसों घंटे काम करेगा. उन्होंने कहा, “लगभग 15 जिलों में एलएसडी के मामले सामने आए हैं. पश्चिमी उत्तर प्रदेश क्षेत्र में मामले अधिक हैं.” उत्तर प्रदेश सरकार राजस्थान, हरियाणा, उत्तराखंड, दिल्ली और मध्य प्रदेश से राज्य में मवेशियों और गायों की आवाजाही को प्रतिबंधित करने के प्रयास कर रही है.

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