संजीव शर्मा, कोंडागांव. साल में एक बार खुलने वाला आलोर की पहाड़ी के बीच गुफा में स्थित मां लिंगेश्वरी मंदिर इस साल 7 सितंबर बुधवार को खुलेगा, जिसका निर्णय मंदिर सेवा समिति के सदस्यों ने लिया. छत्तीसगढ़ सहित अन्य राज्यों से भी श्रद्धालु अपनी मनोकामना लिए माता के दर्शन को पहुंचते हैं. पिछले दो साल तक कोरोनो के चलते भक्त माता के दशर्न नहीं कर पाए थे.
देवी-देवताओं के धार्मिक आस्था के लिए पूरे विश्व में प्रख्यात बस्तर की खूबसूरत वादियों में शिवलिंग के अवतार में माता लिंगेश्वरी विराजमान हैं. ग्राम झाटीबन आलोर के पहाड़ों के बीच एक गुफा में मां लिंगेश्वरी विराजित हैं, जहां हर वर्ष हजारों की संख्या में भक्त अलग-अलग राज्यों से मन्नत की कामना लिए दर्शन करने आते हैं. अधिकांश निसंतान दंपती संतान की प्राप्ति के लिए माता के दर्शन करने आते हैं.
मंदिर सेवा समिति आलोर के संरक्षक नंदलाल दीवान ने बताया कि पिछले दो साल कोरोना काल के चलते भक्त माता के दर्शन नहीं कर पाए थे. गुफा का द्वार खोला गया था, लेकिन दर्शनार्थियों को माता का दर्शन नहीं कराया गया. इस बार श्रद्धालुओं के लिए मंदिर का गुफा 7 सितंबर को खोला जाएगा. मंदिर में भक्तों के प्रवेश पर रोक लगा दिया गया है, श्रद्धालुओं को मंदिर के बाहर से ही माता के दर्शन करने होंगे. श्रद्धालुओं को माता लिंगेश्वरी मेला का बड़ी बेसब्री से इंतजार रहता है. अलग-अलग राज्यों से भक्त मन्नत की कामना लिए दर्शन करने आते हैं. अधिकांश निसंतान दंपती संतान की प्राप्ति के लिए माता के दर्शन करने आते हैं.
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